धनवार प्रखंड के 56 मजदूर छत्तीसगढ़ में फंसे हैं. लॉकडाउन के बाद ये मजदूर महाराष्ट्र से झारखंड आ रहे थे. छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र के बॉर्डर पर चिरचारी गांव में ऐसे मजदूरों को रखा गया है. मूलत: ये मजदूर धनवार प्रखंड क्षेत्र के बरजो, सियारी, बरोटांड़, अरखांगो, पिपराकोनी, शहरपुरा, नीमाडीह, बुढ़ियाबाद, पलंगी, कृपालपुर, पचरुखी आदि गांव के हैं. इस संबंध में बरोटांड़ निवासी मुकेश यादव ने बताया कि महाराष्ट्र से अनुमति मिलने के बाद धनवार क्षेत्र के विभिन्न गांवों के लोग एक साथ निकले, लेकिन छत्तीसगढ़ सीमा पर प्रशासन ने उन्हें राजनंदगांव जिले के चिरचारी गांव में रोक लिया. इस दौरान फंसे हुए मजदूरों ने बताया कि इनमें से कोई ट्रक ड्राइवर है तो कोई ऑटो चालक है तो कोई दिहाड़ी मजदूर है. जिस जगह पर उन्हें रखा गया है, वहां रात में सोने के दौरान सांप और कीड़े-मकोड़े शरीर पर चढ़ने लगते हैं, जिससे लोग भयभीत हैं. उन्होंने भोजन की व्यवस्था नहीं होने की भी बात भाजपा नेता विवेक विकास को फोन पर दी. इसके बाद भाजपा नेता ने राजनांदगांव लोकसभा के भाजपा सांसद संतोष पांडेय से फो पर बात की. सांसद ने आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर फंसे लोगों को कोई परेशानी नहीं होने दी जायेगी. उन्होंने स्थानीय जिला अधिकारी से बात कर समस्या के निराकरण करने की बात कही. फंसे मजदूरों में मुकेश यादव, बरमू यादव, अशोक यादव, सुरेंद्र यादव, तालेश्वर यादव, गणेश पंडित, शंकर पंडित, छोटू यादव, सीकेंद्र यादव, सुरेंद्र यादव, संतोष यादव, मदन मेहता, राजू यादव, पंचम यादव, अर्जुन यादव, वीरेंद्र यादव, कारू यादव, पिंटू यादव, पप्पू यादव, श्याम यादव आदि शामिल हैं.
छत्तीसगढ़ में फंसे धनवार के 56 मजदूराें ने मदद की लगायी गुहार
धनवार प्रखंड के 56 मजदूर छत्तीसगढ़ में फंसे हैं. लॉकडाउन के बाद ये मजदूर महाराष्ट्र से झारखंड आ रहे थे. छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र के बॉर्डर पर चिरचारी गांव में ऐसे मजदूरों को रखा गया है. मूलत: ये मजदूर धनवार प्रखंड क्षेत्र के बरजो, सियारी, बरोटांड़, अरखांगो, पिपराकोनी, शहरपुरा, नीमाडीह, बुढ़ियाबाद, पलंगी, कृपालपुर, पचरुखी आदि गांव […]
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