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वैश्विक युग में माइंस से प्रोफिट बड़ी चुनौती : एल्सटॉफ0 आस्ट्रेलिया डिप्टी हाई कमिश्नर तथा एएचसी काउंसलर ने किया आइएसएम का निरीक्षण वरीय संवाददाता, धनबाद. आस्ट्रेलिया के डिप्टी हाई कमिश्नर मि.क्रिस एल्सटॉफ ने कहा है कि वैश्विक युग में माइंस से प्रोफिट बड़ी चुनौती है. एनर्जी का सहज व बड़ा श्रोत कोयला का उत्पादन व […]
वैश्विक युग में माइंस से प्रोफिट बड़ी चुनौती : एल्सटॉफ0 आस्ट्रेलिया डिप्टी हाई कमिश्नर तथा एएचसी काउंसलर ने किया आइएसएम का निरीक्षण वरीय संवाददाता, धनबाद. आस्ट्रेलिया के डिप्टी हाई कमिश्नर मि.क्रिस एल्सटॉफ ने कहा है कि वैश्विक युग में माइंस से प्रोफिट बड़ी चुनौती है. एनर्जी का सहज व बड़ा श्रोत कोयला का उत्पादन व चुनौतियों को इंडिया व आस्ट्रेलिया अपनी संयुक्त प्रयास से पूरा करेंगे. नवंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आस्ट्रेलिया दौरा के क्रम में दोनों देशों के बीच क्लिन कोल पर हुई एमओयू इसके लिए बरदान बनेगा, आइएसएम से इसकी शुरूआत होगी. हाई कमिश्नर आइएसएम निरीक्षण के दौरान संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह बात कही. मौके पर उनके साथ एएचसी काउंसलर नई दिल्ली मि. ब्रुश मर्फी भी उपस्थित थे.उन्होंने बताया कि दोनों देशों में खनन के क्षेत्र में काफी संभावनाएं है. यूनिवर्सिटी एजुकेशन , रिसर्च एंड डेपलपमेंट , वोकेशन एजुकेशन के क्षेत्र में दोनो देश साथ-साथ काम कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि आइएसएम व आस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी व इंस्टीट्यूशन आने वाले दिनों में साझा रूप से शोध अध्ययन कर सकते हैं. इस समझौते के तहत यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम भी प्रभावी हो सकता है. इसके तहत इस संस्थान के स्टूडेंट्स के साथ-साथ यहां के फैकल्टी एवं विशेषज्ञों को भी आस्ट्रेलिया में प्रशिक्षण दिया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि आने वाले पांच साल में कोल खनन के क्षेत्र में 4 लाख करोड़ उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने में आस्ट्रेलिया भारत की मदद करेगा. माइंस सेक्टर में प्लॉनिंग , रियल ट्रांसपोटेशन के साथ खनिज परिवहन में आस्ट्रेलिया इंडिया की इंडिया और का मदद करेगा. आइएसएम में शुरू हुई क्लिन कोल टेक्नोलॉजी को और अधिक बेहतर करने एवं कोल उत्पादन वृद्धि में संभव मदद आस्ट्रेलिया इसकी कोशिश वह करेंगे. उन्होंने बताया कि इंडिया में कोल उत्पादन की वर्तमान तकनीक से प्रदूषण बुहत अधिक होता है यह मै नहीं कहता आपके देश का आंकड़ा कहता है. क्लिन कोल टेक्नोलॉजी इसके समाधान में निर्णायक भूमिका निभायेगा. इस मामले में तकनीक की जरूरत पड़ी आस्ट्रेलिया से संभव मदद मिलेगी. कोलकाता से सुबह 9.00 बजे शताब्दी एक्सप्रेस से धनबाद आगमन पर स्टेशन पर डिप्टी हाई कमिश्नर तथा एएचसी काउंसलर का संस्थान के फैकल्टी द्वारा जोरदार स्वागत किया. बाद में उन्होंने संस्थान के विभिन्न विभागों का निरीक्षण कर संस्थान के निदेशक प्रो.डीसी पाणिग्रही , कुल सचिव कर्नल (रिटायर्ड) एमके सिंह, डीन व विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर संस्थान की गतिविधियों की जानकारी ली. शाम में उन्होंने ऑपेन सेसन के तहत गोल्डन जुबली हॉल में उन्होंने क्लिन कोल एमओयू के तहत दोनों देशों के बीच चल रही गतिविधियों से छात्रों, फैकल्टी सहित अन्य को बतौर पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी.