धनबाद: धनबाद में खाद्यान बाजार बेलगाम हो गया है. राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद अरहर दाल एवं सरसों तेल की कीमतें नियंत्रित नहीं हो पा रही हैं. जिसकी जितनी मर्जी हो रही है दाल एवं तेल के दाम ले रहा है. बढ़ती महंगाई ने हर घर का बजट बिगाड़ दिया है. अच्छे दिन की जगह महंगाई वाले दिन झेलने पड़े रहे हैं. यूपीए शासनकाल में महंगाई के खिलाफ अक्सर आंदोलन करने वाले भाजपा नेताओं के मुंह से शब्द तक नहीं निकल रहे. उन्होंने चुप्पी साध ली है.
बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ा बजट : अरहर दाल के अलावा चना, मूंग दाल की कीमतें भी बढ़ रही हैं. सरसों तेल के भाव भी पिछले कुछ दिनों में तेजी से चढ़े हैं. आटा, चावल सहित अन्य खाद्य सामग्री भी लगातार महंगी हो रही है. इन सबके चलते रसोई का बजट 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ गया है. गृहिणियां कह रही हैं कि कहां गये अच्छे दिन. अब ताे घर चलाना भी मुश्किल हो गया है.
क्या तय हुआ था, क्या हो रहा है
राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन ने अलग-अलग चेंबर ऑफ कॉमर्स के साथ बैठक कर तय किया था कि अरहर दाल 142 रुपये किलो से अधिक कीमत पर नहीं बिकेगी. दिखावे के लिए एक-दो दिन कई स्थानों पर विभिन्न चेंबर की ओर से स्टॉल लगा कर 142 रुपये किलो दाल बेची गयी. वह भी हर व्यक्ति को केवल एक किलो. मंगलवार को सरायढेला क्षेत्र में अरहर दाल 160 से 170 रुपये किलो बिकी. एक मॉल में तो अरहर दाल (प्रीमियम) 195 रुपये किलो बेची जा रही है. उपभोक्ताओं का कहना है कि दुकानदारों में सरकार व प्रशासन का डर नहीं है. सरसों तेल भी 136 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है. सरसों तेल पर तो सरकार की अब तक नींद ही नहीं खुली है.
सस्ती दाल उपलब्ध करायेगा चेंबर
धनबाद जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजेश गुप्ता कहते हैं कि चेंबर इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के हर क्षेत्र में 142 रुपये किलो अरहर दाल उपलब्ध करायेगा. विदेश से आयातित अरहर दाल मध्यम क्वालिटी की है. यही दाल 142 रुपये किलो बिक रही है. उत्तम क्वालिटी की दाल मंडी में ही 170 रुपये किलो मिल रही है. इसलिए बाजार में यह 180 रुपये किलो तक बिक रही है.
जांच करा कर कार्रवाई करेंगे : डीसी
उपायुक्त केएन झा ने कहा कि 142 रुपये से ज्यादा दर पर अरहर दाल बेचे जाने की शिकायत पर चेंबर के पदाधिकारियों से बात करेंगे. प्रशासनिक अधिकारियों से जांच करा कर दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी.