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जंक फूड से दूर रखें बच्चों को स्वास्थ्य सलाहडॉ ब्रजभूषण साहनीवरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ, टाटा अस्पताल, जामाडोबाबच्चों के बेहतर विकास के लिए उन्हें संतुलित डायट देना जरूरी है. उन्हें हाई प्रोटीन और फाइवर डायट दें, ताकि उनका संतुलित मानसिक और शारीरिक विकास हो. जितना संभव हो सके, बच्चों को जंक फूड से दूर रखें. जंक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2015 8:38 PM

जंक फूड से दूर रखें बच्चों को स्वास्थ्य सलाहडॉ ब्रजभूषण साहनीवरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ, टाटा अस्पताल, जामाडोबाबच्चों के बेहतर विकास के लिए उन्हें संतुलित डायट देना जरूरी है. उन्हें हाई प्रोटीन और फाइवर डायट दें, ताकि उनका संतुलित मानसिक और शारीरिक विकास हो. जितना संभव हो सके, बच्चों को जंक फूड से दूर रखें. जंक फूड और असंतुलित डायट की वजह से बच्चों में मोटापे की बीमारी बढ़ती है. बच्चों को मोटा, गोल-मटोल देख मां-बाप भले खुश होते हों, लेकिन कई रिसर्च में देखा गया है कि बचपन का मोटापा आगे चल कर हृदय रोगों का कारण बनता है. इसलिए बच्चों के भोजन में अनाज, दूध के साथ-साथ मौसमी फल- सब्जियां शामिल करें. आपके नौनिहाल बीमारियों से बचे रहें और उनका शारीरिक-मानसिक विकास बेहतर हो, इसके लिए इन बातों का खयाल रखें.वैक्सीनेशन सबसे जरूरी : बच्चों को सभी वैक्सीन नियम से दिलवायें. पोलियो और ‘पेंटावैलेट’, जिसमें 5 वैक्सीन एक साथ होते हैं, सरकार की ओर से नि:शुल्क मिलते हैं. वे वैक्सीन तो बच्चों को जरूर लगवायें, लेकिन जो वैक्सीन सरकार की ओर से नहीं मिलते, मसलन डायरिया का वैक्सीन ‘रोटावायरस’, हेपिटाइटिस-ए और चिकन पॉक्स के वैक्सीन, उन्हें भी मेडिकल स्टोर से खरीद कर बच्चों को दिलवायें. चिकन पॉक्स जानलेवा नहीं, लेकिन यह अधिकांश मार्च-अप्रैल में होता है, जब बच्चों के स्कूल की परीक्षाएं होती हैं. ऐसे में अगर दुर्भाग्य से उसे चिकन पॉक्स हो गया, तो बच्चे का एक साल बरबाद हो सकता है.बिना बात परहेज न करें : बीमारियों के दौरान बेवजह के घरेलू परहेजों से बचें. मसलन एक आम धारणा है कि जांडिस में सिर्फ ठंडी चीजें ही खानी चाहिए. जांडिस में तली हुई चीजों के अलावा कुछ भी खाने-पीने पर कोई पाबंदी नहीं. जांडिस में बच्चे को सब कुछ खिलायें. वरना बेकार के परहेज से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता घटेगी और वह कमजोर हो जायेगा. बुखार में चावल नहीं खाना चाहिए और दही से खांसी होती हैं, ये महज भ्रांतियां हैं.मच्छरों से बचें : बच्चे ही नहीं, बड़ों को भी रोजमर्रा के जीवन में कई बीमारियां मसलन डेंगू, मलेरिया आदि मच्छरों के काटने से होती है. इसलिए मच्छरों के बचाव को लेकर सर्तक रहें. इसके लिए सबसे उपयुक्त मच्छरदानी है, क्योंकि देखा गया है आप लंबे समय तक क्वायल या लिक्विड का इस्तेमाल करते हैं, तो धीरे-धीरे मच्छर भी प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं और ये उपाय बेअसर साबित होते हैं.अच्छी तरह उबाल कर पानी पियें : डायरिया और टाइफाइड जैसी कई बीमारियां बच्चों को आसानी से अपना शिकार बना लेती हैं. ये बीमारियां सबसे ज्यादा दूषित पानी पीने से हुए संक्रमण की वजह से होती हैं. इसलिए पानी कम-से-कम 60 मिनट उबालने के बाद फिल्टर करके पियें.

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