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स्कूली बच्चों ने निकाली जागरूकता रैली

धनबाद: मिशन ऑफ नॉलेज स्कूल चीरागोरा के बच्चों ने रैली निकाल कर शहरवासियों से पर्यावरण रक्षा के लिए पटाखे नहीं चलाने की अपील की. इसके पूर्व बच्चों ने स्कूल में शपथ ली कि वे पटाखे नहीं चलायेंगे.प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2013 11:15 AM

धनबाद: मिशन ऑफ नॉलेज स्कूल चीरागोरा के बच्चों ने रैली निकाल कर शहरवासियों से पर्यावरण रक्षा के लिए पटाखे नहीं चलाने की अपील की. इसके पूर्व बच्चों ने स्कूल में शपथ ली कि वे पटाखे नहीं चलायेंगे.

सिर्फ दीप जला कर दीवाली मनायेंगे. एचएम प्रवीण दुबे ने पटाखे चलाने से होने वाले वायु व ध्वनि प्रदूषण के बारे में बच्चों को जानकारी दी. बताया कि कैसे इससे स्वास्थ्य की हानि होती है. रैली स्कूल से पार्क मार्केट, हटिया मोड़ होते हुए कोर्ट मोड़ तक गयी. बच्चों ने नारे लगा कर व पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया. कार्यक्रम में शिक्षक कुंज बिहारी सिंह, विनोद चौधरी सहित अन्य शिक्षक शामिल थे.

पटाखों के दुष्प्रभाव बताये : जेपी नगर स्थित जागेश्वरी स्मारक वाक एवं श्रवण संस्थान में शुक्रवार को नि:शक्तता की रोकथाम के लिए पटाखा मुक्त समाज विषय पर परिचर्चा की गयी. संस्थान समन्वयक मो अशफाक हुसैन ने बताया कि पटाखों की आवाज से अस्थायी या स्थायी बहरापन, दृष्टि दोष व मानसिक परेशानी होती है. तेज आवाज से हमारे कान के ड्रम को काफी नुकसान पहुंचता है. सुप्रीम कोट ने लोगों को शांतिपूर्ण सोने का अधिकार दिया है. रात दस से सुबह छह बजे के बीच पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी ऐसे पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है, जिसकी आवाज चार मीटर की दूरी पर 125 डेसिबल से अधिक है. किसी भी इनसान के कान के लिए 90-100 डेसिबल की आवाज हानिकारक हो सकती है. परिचर्चा में माधुरी पान, रूपेश कुमार, रंजीत कुमार, पूजा भारती, जयमाला, नविता चंद्रा, बैजू कुमार, संजय, लुसी कुमारी, सुलेखा कुमारी, सुमन, पिंटू कुमार आदि भी शामिल थे.

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