नहीं खुला एक भी उच्च शिक्षण संस्थान
धनबाद : झारखंड गठन के 15 वर्षों में जिले में एक भी उच्च शिक्षण संस्थान नहीं खुला. जबकि हर साल बड़ी संख्या में बच्चे उच्च शिक्षा के लिए दूसरे शहरों में जाते हैं. अविभाजित बिहार के समय देश के शीर्ष अभियंत्रण संस्थानों में शुमार बीआइटी सिंदरी की स्थिति तो और बदतर हो गयी. अब संस्थान […]
धनबाद : झारखंड गठन के 15 वर्षों में जिले में एक भी उच्च शिक्षण संस्थान नहीं खुला. जबकि हर साल बड़ी संख्या में बच्चे उच्च शिक्षा के लिए दूसरे शहरों में जाते हैं. अविभाजित बिहार के समय देश के शीर्ष अभियंत्रण संस्थानों में शुमार बीआइटी सिंदरी की स्थिति तो और बदतर हो गयी. अब संस्थान का पुराना क्रेज नहीं रहा.
एमबीए व सीए की पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं : एमबीए व सीए की पढ़ाई के लिए धनबाद मे कोई शिक्षण संस्थान नहीं रहने के चलते यहां के छात्र-छात्राओं को दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है.
मेडिकल कॉलेज भी भगवान भरोसे : लंबे समय से संचालित यहां का एक मात्र मेडिकल कॉलेज (पीएमसीएच) की स्थिति भी भगवान भरोसे है. एमसीआइ की नजर में यह मेडिकल कॉलेज मेनपावर व संसाधन के अभाव में मानो वेंटिलेशन पर है. एमसीआइ की कृपा पर वर्षों से बच रही है संस्थान की मान्यता. बीसीसीएल द्वारा वर्षों पहले प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज भी ठंडे बस्ते में है.
धनबाद में खुला विभावि का पहला रीजनल सेंटर : विभावि का सबसे अधिक कॉलेज धनबाद में होने के आलोक में जरूरतों को देखते हुए विवि ने गत 26 सितंबर को अपना पहला रीजनल सेंटर धनबाद में खोला. उक्त सेंटर पिछले एक माह से तीव्र गति से काम कर रहा है.
पहले चरण में यहां सर्टिफिकेट, माइग्रेशन के साथ-साथ उक्त प्रमाण-पत्र में सुधार का कार्य हो रहा है. भविष्य में इस सेंटर में मूल्यांकन केंद्र चलाने सहित विवि के नीतिगत कार्य छोड़ कर तमाम कार्य यहीं निष्पादित करने की योजना है.
जिला स्कूल में नहीं होती 12वीं की पढ़ाई
धनबाद. जिला स्कूल, धनबाद में ही बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई नहीं होती. राज्य के ज्यादातर स्कूलों में होती है. कई बार प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली. मैट्रिक के बाद बच्चों को परेशानी होती है.