मंच पर उत्कल संस्कृति की विविधता
जमशेदपुर: इतने लोगों को ओड़िशा ले जाकर वहां की संस्कृति से रूबरू कराना मुश्किल है, इसलिए हमने ओड़िशा को ही जमशेदपुर बुलाया है. ‘उत्कल उत्सव-2013’ के आयोजकों ने इन बातों के साथ अपनी सांस्कृतिक विविधता का एक के बाद एक प्रदर्शन किया. अपनी सांस्कृतिक समृद्धि से रूबरू कराने के उद्देश्य से एक्सएलआरआइ ऑडिटोरियम में आयोजित […]
जमशेदपुर: इतने लोगों को ओड़िशा ले जाकर वहां की संस्कृति से रूबरू कराना मुश्किल है, इसलिए हमने ओड़िशा को ही जमशेदपुर बुलाया है. ‘उत्कल उत्सव-2013’ के आयोजकों ने इन बातों के साथ अपनी सांस्कृतिक विविधता का एक के बाद एक प्रदर्शन किया. अपनी सांस्कृतिक समृद्धि से रूबरू कराने के उद्देश्य से एक्सएलआरआइ ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में दो हजार लोगों ने भाग लिया. वैश्विक पहचान हासिल कर चुके ओड़िशी नृत्य सहित गोटी पुअ, पाइक अखाड़ा, घोड़ा नाच जैसे लोकनृत्य जबकि लॉक एंड पॉप, प्रिंस ट्रूप के डांस ने लोगों का भरपूर मनोरंजन किया. गोटी पुअ नृत्य की शैली तथा ओडिसी की मुद्राओं ने लोगों को आकर्षित किया. दो सत्रों में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. पहले सत्र में टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने उदघाटन के बाद ओड़िशा के हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, शिल्प कला के स्टॉल को देखा उनके साथ उनकी पत्नी रुचि नरेंद्रन और अन्य पदाधिकारी भी थे. उत्कल एसोसिएशन, उत्कल महिला समिति, उत्कल समाज गोलमुरी, उत्कल युवा एकता मंच, बांधव समिति के पदाधिकारियों ने ओड़िशा संस्कृति के घटकों की जानकारी दी.