आचरण सुधारें स्टूडेंट्स नहीं तो कटेंगे नंबर

धनबाद: सीबीएसइ (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) से संबद्ध स्कूलों में पढ़नेवाले विद्यार्थियों को अब अपने आचरण पर भी विशेष ध्यान देना होगा. यदि उन्होंने अपना आचरण नहीं सुधारा, तो इसका खामियाजा उन्हें परीक्षाओं में भुगतना पड़ेगा. इस साल से सीबीएसइ ने 9वीं व 10वीं कक्षा में व्यवहार, खेल, रोजमर्रा की जिंदगी के प्रायोगिक अनुभव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2013 9:15 AM

धनबाद: सीबीएसइ (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) से संबद्ध स्कूलों में पढ़नेवाले विद्यार्थियों को अब अपने आचरण पर भी विशेष ध्यान देना होगा. यदि उन्होंने अपना आचरण नहीं सुधारा, तो इसका खामियाजा उन्हें परीक्षाओं में भुगतना पड़ेगा.

इस साल से सीबीएसइ ने 9वीं व 10वीं कक्षा में व्यवहार, खेल, रोजमर्रा की जिंदगी के प्रायोगिक अनुभव के आधार पर भी अंक देने का फैसला किया है. इस संबंध में स्कूलों को सकरुलर जारी कर 9वीं व 10वीं कक्षाओं में इस योजना को इसी साल से लागू करने के निर्देश जारी किये हैं.

इस बारे में एमजीएन स्कूल के महासचिव जरनैल सिंह पसरीचा का कहना है कि अब विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र में मूल्यों से जुड़े सवालों का भी जबाव लिखना होगा और इसके लिए तीन से पांच अंक भी दिये जायेंगे. 100 अंक के प्रश्नपत्र में पांच अंक के प्रश्न और 70 से 90 अंक के प्रश्नपत्र में तीन से चार अंक के प्रश्न होंगे. सीबीएसइ के परीक्षा नियंत्रक एमसी शर्मा के अनुसार नयी प्रणाली 9वीं व 10वीं की परीक्षाओं में इस साल से लागू होने जा रही है, तो बारहवीं में यह 2014 से लागू कर दी जायेगी.

वहीं सीबीएसइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बोर्ड कई प्रमुख विषयों के सहारे विद्यार्थियों में मूल्यों से जुड़ी जानकारी बढ़ाने का प्रयास कर रहा है.

Next Article

Exit mobile version