शहर के वातावरण में जहर घोल रहे हैं पुलिस वाहन

धनबाद: धनबाद जिला पुलिस की जर्जर गाड़ियां यहां के वातावरण में जहर घोल रही हैं. कबाड़ वाहनों से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. यही नहीं, जान जोखिम में डाल इन वाहनों पर पुलिस कर्मी गश्त करते हैं. पुलिस के कई वाहन ढाई दशक पुराने हैं. बैंक मोड़ थाना की दो जीप, सिंदरी व महुदा इंस्पेक्टर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2015 7:18 AM
धनबाद: धनबाद जिला पुलिस की जर्जर गाड़ियां यहां के वातावरण में जहर घोल रही हैं. कबाड़ वाहनों से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. यही नहीं, जान जोखिम में डाल इन वाहनों पर पुलिस कर्मी गश्त करते हैं. पुलिस के कई वाहन ढाई दशक पुराने हैं. बैंक मोड़ थाना की दो जीप, सिंदरी व महुदा इंस्पेक्टर की जिप्सी समेत कई थानों में कबाड़ (रद्दीकरण) घोषित वाहन हैं. जर्जर वाहन जहां-तहां बंद हो जाते हैं. वाहनों से काफी धुआं निकलता है.

ऐसे में सवाल उठता है कि पुलिस इन जर्जर वाहनों से अपराधी का कैसे पीछा करेगी? वैसे भी जिला पुलिस के पास वाहनों की कमी है. थाना कौन कहे, जिले के कई वरीय अफसरों के पास भी सरकारी वाहन नहीं हैं. जिला पुलिस के पास सौ वाहन भी सही-सलामत नहीं हैं.

वाहनों के रद्दीकरण का क्या है नियम
वाहनों की श्रेणी के अनुसार रद्दीकरण के अलग-अलग नियम हैं. आठ-दस या बारह साल तक चले वाहन ही जर्जर घोषित किये जाते हैं. वैसे वाहन, जो डेढ़ से दो लाख किलोमीटर तक चल गये हों, वाहनों की कीमत का 70 से 75 प्रतिशत मेंटेनेंस पर खर्च किया गया हो, भी नियम में शामिल है.

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