अब शहर में जहां-तहां नहीं होंगे खटाल

धनबाद: धनबाद नगर निगम को भले ही स्मार्ट सिटी का दरजा नहीं मिला, लेकिन निकाय सरकार ने अपने स्तर से शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में पहल शुरू की है. मेगा प्रोजेक्ट के तहत शहर की मुख्य सड़कों को फोर लेन करने की योजना अंतिम चरण में है. माॅडर्न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2015 7:19 AM
धनबाद: धनबाद नगर निगम को भले ही स्मार्ट सिटी का दरजा नहीं मिला, लेकिन निकाय सरकार ने अपने स्तर से शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में पहल शुरू की है. मेगा प्रोजेक्ट के तहत शहर की मुख्य सड़कों को फोर लेन करने की योजना अंतिम चरण में है. माॅडर्न गारबेज सेंटर के टेंडर के लिए इंजीनियरिंग सेल के पास प्रस्ताव भेजा गया है. अंतरराज्यीय बस टर्मिनस का प्रस्ताव पर भी मुहर लग चुकी है. अब शहर के 80 खटालों के पुनर्वास की योजना है. नगर आयुक्त विनोद शंकर सिंह ने शुक्रवार को राज्य के पशुपालन एवं मत्स्य सचिव नितिन कुलकर्णी को इस आशय का प्रस्ताव भेजा.
पशुपालकों की होगी अपनी कॉलोनी : नगर निगम क्षेत्र में अब जहां-तहां खटाल नहीं होंगे. पशुपालकों की अपनी कॉलोनी होगी. पशुपालकों के पुनर्वास पर भी सरकार विचार कर रही है. मुख्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद खटालों के पुनर्वास योजना को धरातल पर उतारा जायेगा. पुनर्वास योजना में पशुपालकों के लिए घर व मवेशी के लिए शेड बनाने का प्रस्ताव है. यहां पानी-बिजली की मुक्कमल व्यवस्था होगी. इसे एक कॉलोनी के रूप में विकसित करने की योजना है. दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने खटालों के पुनर्वास की योजना बनायी है.
जमीन खरीद कर बसायेंगे
पशुपालन एवं मत्स्य सचिव नितिन कुलकर्णी के निर्देश पर खटालों का पुनर्वास किया जा रहा है. निगम क्षेत्र में सर्वे कराया जा चुका है. ये खटाल बीसीसीएल, रेलवे व सरकारी जमीनों पर अवस्थित हैं. इन खटालों को गैर मजरुआ या जमीन खरीदकर बसाया जायेगा. मुख्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद योजना पर आगे का काम शुरू होगा.
विनोद शंकर सिंह, नगर आयुक्त

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