धनबाद: बीसीसीएल की कामयाबी की कहानी जानने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आइआइएम) अहमदाबाद की टीम धनबाद आयी हुई है. वह इस बात का अध्ययन कर रही है कि कैसे बीमार बीसीसीएल न केवल बीआइएफआर से बाहर निकला, बल्कि जल्द ही दो हजार करोड़ के मुनाफे में आ गया. सफलता की इस कहानी को मैनेजमेंट के कोर्स में पढ़ाने की योजना है.
पूरी जानकारी टीम अपने साथ सीडी में ले जायेगी. प्रो के सिन्हा के नेतृत्व में आयी टीम ने कोयला भवन में मंगलवार को बीसीसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक टीके लाहिड़ी, निदेशक (कार्मिक ) पीइ कच्छप सहित अन्य अधिकारियों से बातचीत की. सीएमडी ने बताया कि पहले हर साल एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता था. लेकिन यहां के अधिकारियों की सूझबूझ और कर्मचारियों की मेहनत के बल पर न केवल घाटा होना बंद हुआ बल्कि दो हजार करोड़ रुपये हर साल मुनाफा होना भी शुरू हो गया. कंपनी के मुनाफा में आने से यहां के बाजार पर भी अच्छा प्रभाव पड़ा. उन लोगों ने सीआरएस के तहत कई योजनाएं शुरू की.
आने वाले दिनों में और भी कई योजनाएं शुरू की जायेगी. टीम के लोगों ने कहा कि वे लोग अपने यहां कोर्स में इसे जोड़ेंगे कि कि कैसे कोई कंपनी खराब स्थिति में रहते राइज करती है. यह अपने आप में मिसाल है. टीम दो दिन और रहेगी. आज सभी एरिया के जीएम से भी उनलोगों ने बात की. यहां का एराइवल चार्ट से लेकर झरिया की आग तक के बारे में जानकारी ली.