ढुलू मामले में बचाव पक्ष ने नहीं की बहस

धनबाद : नजायज मजमा बनाकर हरवे हथियार से लैस होकर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने व राष्ट्रीय उच्च पथ को जाम करने के मामले की सुनवाई गुरुवार को न्यायिक दंडाधिकारी मो.उमर की अदालत में हुई. अदालत में भाजपा के बाघमारा विधायक ढुलू महतो गैरहाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता एलके प्रसाद ने दंप्रसं की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2016 7:57 AM
धनबाद : नजायज मजमा बनाकर हरवे हथियार से लैस होकर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने व राष्ट्रीय उच्च पथ को जाम करने के मामले की सुनवाई गुरुवार को न्यायिक दंडाधिकारी मो.उमर की अदालत में हुई.
अदालत में भाजपा के बाघमारा विधायक ढुलू महतो गैरहाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता एलके प्रसाद ने दंप्रसं की धारा 317 का आवेदन दायर किया. बचाव पक्ष की ओर से एक आवेदन देकर बहस के लिए समय की मांग की गयी. अदालत ने उसे स्वीकृत कर बहस की अगली तिथि 18 जनवरी 16 मुकर्रर कर दी. अदालत ने अभियोजन साक्ष्य को 11 दिसंबर 15 को बंद किया था.
क्या है मामला : प्राथमिकी के अनुसार 18 अक्तूबर 05 को महुदा पुलिस ने कुलटांड़ जाने वाली सड़क के उत्तर झाड़ी से बिहारी यादव का शव बरामद किया था. जब पुलिस उसके शव को लेकर कानूनी प्रक्रिया कर रही थी, उसी वक्त ढुलू महतो, आजाद खान, रंजीत महतो, विजय गोप, मंटू रवानी, भवेश कुमार पाठक , सुबोध ठाकुर, रामाशंकर तिवारी व नरेश महतो डंडा-रॉड लेकर आये और पुलिस जीप की हवा निकाल दी. पुलिस पर हमला व सड़क जाम कर दी. महुदा के पूर्व थानेदार विपिन कुमार ने 19 अक्तूबर 05 को आरोपियों के खिलाफ बाघमारा (महुदा) थाना में मामला दर्ज कराया. अदालत ने 17 जनवरी 14 को आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर केस का विचारण शुरू किया. प्रतिपरीक्षण बचाव पक्ष के अधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने किया.
सीबीआइ ने आरोपी को पेश किया, मिली जमानत : सीबीआइ की धनबाद टीम ने पटना से गिरफ्तार श्यामकिशोर प्रसाद की पेशी गुरुवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ग्यारह एसके पांडेय की अदालत में करायी.
अदालत ने उसे जमानत दे दी. अभियोजन की ओर से सीबीआइ के वरीय लोक अभियोजक कपिल मुंडा ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी के बंध पत्र को अदालत ने 27 नवंबर 15 को ही रद्द करते हुए उसके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी किया था. मजे की बात यह है कि श्यामकिशोर प्रसाद के अधिवक्ता ने 24 मार्च 15 से ही अपने मुवक्किल की ओर से पैरवी बंद कर दी थी. लेकिन केस अभिलेख साक्ष्य पर ही चल रहा था और अदालत अभियोजन की ओर से प्रस्तुत किये जा रहे गवाहों का बयान दर्ज कर रहा था.
इस केस में पूर्व से ही सुनवाई की तिथि 19 जनवरी 16 निर्धारित थी. मामला वर्ष 1999 में दुमका जिला के विभिन्न क्षेत्रों में नरेगा के तहत चल रहे तालाब खुदाई व कई सरकारी कार्य में घपले का है.

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