कमाये 80 लाख, अभी दाने-दाने को मोहताज

धनबाद/गोविंदपुर: नकली सोना व असली सोना बता लोगों को लोन दिलाने वाला फेडरल बैंक का वैलुअर अभी दाने-दाने को मोहताज है. लगभग दो वर्षो के दौरान के उसने धनबाद व गोविंदपुर फेडरल बैंक से लगभग दो करोड़ का गोल्ड लोन दिलवा चुका है. लोन के बदले बैंक में नकली सोना जमा है. गोविंदपुर थाना में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2013 9:23 AM

धनबाद/गोविंदपुर: नकली सोना व असली सोना बता लोगों को लोन दिलाने वाला फेडरल बैंक का वैलुअर अभी दाने-दाने को मोहताज है. लगभग दो वर्षो के दौरान के उसने धनबाद व गोविंदपुर फेडरल बैंक से लगभग दो करोड़ का गोल्ड लोन दिलवा चुका है. लोन के बदले बैंक में नकली सोना जमा है. गोविंदपुर थाना में पूछताछ में कुंदन ने कई अहम जानकारी दी है.

गोविंदपुर इंस्पेक्टर रवींद्र कुमार राय व थाना प्रभारी सुधीर प्रसाद साहू पूछताछ कर रहे थे. कुंदन को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया. झरिया निवासी शशि भूषण ठाकुर का पुत्र कुंदन चौथा पास है, जिसे फेडरल बैंक धनबाद शाखा की ओर से लगभग दो वर्ष पहले वैलुअर बनाया गया था. आभूषण दुकान में कुंदन के पिता कारीगर हैं. कुंदन के वैलुअर बनने का पिता ने विरोध किया था, लेकिन बैंक अधिकारी ने दबाव देकर उसे अपना वैलुअर बनाया. कुंदन ने पुलिस को बताया है कि वह खुद भी नकली सोना रख कर बैंक से 15 लाख लोन लिया था. 70-80 लाख रुपये वह बतौर वैलुअर जालसाजी कर कमाये, लेकिन अभी उसके पास खाने के भी पैसे नहीं है. पूरी रकम वह जुआ में हार गया. आसनसोल, दुर्गापुर, कुलटी, धनसार, लोयाबाद समेत कई स्थानों पर वह जुआ खेलता था.

जुआ में हारने के बाद उस पर दबाव दिया जाता था कि पैसे लेकर आओ नहीं तो पोल खोल देंगे कि नकली सोना से लोन दिलाता है. कहा कि पिता से भी वह अलग रहता है. अभी वह अपनी मुसलिम प्रेमिका के साथ जोड़ापोखर सुंदर नगर में किराये के घर में रहता था, जहां से पकड़ा गया.

बैंक अधिकारियों की गरदन फंसेगी
पुलिस पूछताछ में कुंदन ने बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत के बारे में कुछ ठोस जानकारी नहीं दी है, लेकिन पुलिस को इन लोगों की संलिप्तता के कई अहम सबूत मिले हैं. दो माह पहले ही बैंक को इस गड़बड़ी का पता चल गया था, लेकिन आंतरिक जांच के नाम पर मामले को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा था. प्रभात खबर में नकली सोना के नाम पर फेडरल बैंक को लोन लेकर करोड़ों की चपत होने के बाद बैंक अधिकारी रेस हुए और आनन-फानन में एफआइआर दर्ज करायी गयी. पुलिस शीघ्र ही मामले में बैंक अधिकारियों से पूछताछ कर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी में है.

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