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पेट्रोल पंप के नाम पर 7.24 लाख रुपये की साइबर ठगी

साइबर क्राइम के नाम पर एक नये प्रकार की ठगी का मामला प्रकाश में आया है. इसका शिकार बना है टुंडी के सोहनाद गांव का युवक कमल मंडल. उससे पेट्रोल पंप खोलने के नाम साइबर अपराधियों ने सात लाख 24 हजार रुपये ठगी कर ली है

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2020 6:35 AM

धनबाद : साइबर क्राइम के नाम पर एक नये प्रकार की ठगी का मामला प्रकाश में आया है. इसका शिकार बना है टुंडी के सोहनाद गांव का युवक कमल मंडल. उससे पेट्रोल पंप खोलने के नाम साइबर अपराधियों ने सात लाख 24 हजार रुपये ठगी कर ली है. ठगे जाने के बाद सोनू ने बुधवार को साइबर थाना में मामला दर्ज कराया है. पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी है.

फर्जी वेबसाइट से की ठगी : सोनू ने पुलिस को बताया कि उसने पेट्रोल पंप डीलरशिप के लिए छह मार्च को गूगल में जाकर एक साइट से ऑनलाइन फॉर्म भरा था. उसके बाद उसके मोबाइल पर फोन आया और बताया गया कि आपकी डीलरशिप के लिए दिया गया आवेदन रिसीव कर लिया गया है. इसके बाद 14 मार्च को सोनू ने उसी नंबर पर फोन किया, तो उधर से जवाब आया कि कि लॉकडाउन चल रहा है, उसके बाद कोई कार्य आगे हो पायेगा.

एक जून को सोनू ने दोबारा उस नंबर पर कॉल किया, तो बताया कि आपका रजिस्ट्रेशन फी बाकी है, आप जल्द 28 हजार 500 रुपये जमा कर दें. सोनू के इमेल पर पूरी जानकारी दी गयी. उसके बाद सोनू ने अपने भाई कौशल कुमार मंडल के एकाउंट से एक जून को 28 हजार 500 रुपये ट्रांसफर करवाया. फिर उससे जिस जमीन पर पंप स्थापित करना चाहता है, उसके कागजात को स्कैन कर मंगवाया गया.

उसके बाद ठगों ने आवेदन डिपोजिट के लिए 75 हजार 500 रुपये की मांग की, जिसे बैंक के माध्यम से उसके बताये खाते में डाल दिया गया. उसके बाद ऑयल कंपनी पॉलिसी के नाम पर 52 हजार 500 रुपये खाते में मंगवाया और उसके बाद वीडियो कॉल से जमीन वेरिफिकेशन किया. फिर सिक्योरिटी डिपोजिट के नाम पर एक लाख 89 हजार 600 रुपये डिपोजिट करवाया. उसे सोनू ने अपने पिता के एकाउंट से भेजा.उसके बाद 18 जून को डिपोजिट मनी के लिए तीन लाख 56 हजार 300 रुपये साइबर ठगों के खाते में डाला.

इसके बाद फिर साइबर ठगों ने कंपनी से एग्रीमेंट के नाम पर छह लाख 25000 रुपये की मांग की. इस बार ठगों ने दूसरे बैंक का एकाउंट नंबर सोनू को दिया. उसके बाद सोनू ने उस एकाउंट नंबर की जांच करवायी, तो पता चला कि यह एकाउंट किसी मंतोष हालदार एवं आकाश के नाम पर है. उसके बाद उसे पता चला कि वह ठगों का शिकार हो चुका है. लेकिन इस बीच ठग सोनू से 7.24 लाख रुपये ठग चुके थे.

गूगल में जाकर पेट्रोल पंप के लिए किया था ऑनलाइन आवेदन

साइबर ठगी का नये तरह का मामला

टुंडी का युवक बना शिकार

छह बार में की गयी रुपयों की ठगी

पुलिस मामले की जांच में जुटी

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