पिछले दिनों टुंडी तोपचांची में 42 तो तोपचांची सीएचसी में 40 से अधिक लोगों का परिवार नियोजन किया गया. महिलाओं को जमीन पर लिटाकर रखा गया. इस साल के अंत तक मात्र 20 प्रतिशत ही उपलब्धि हो पायी है. अब मार्च तक अस्सी प्रतिशत को पूरा करने की कोशिश हो रही है. वहीं सर्जन व नि:श्चेतना विभाग के चिकित्सकों की भी काफी कमी है. एक-एक केंद्र में 50-60 मरीज होने के बाद चिकित्सक ऑपरेशन करने वहां जा रहे हैं. ज्ञात हो कि लगभग 16 हजार बंध्याकरण व पांच हजार नसबंदी करने का सरकार ने इस वर्ष लक्ष्य विभागीय अधिकारियों को दिया था.
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टारगेट के लिए मरीजों की जान से खिलवाड़
धनबाद: स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक परिवार नियोजन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. सरकारी नियमों की मानें तो एक दिन में चिकित्सक अधिक से अधिक दस का बंध्याकरण या नसबंदी कर सकता है. लेकिन परिवार नियोजन में तीन वर्ष से लगातार पीछे चल रहे जिले के चिकित्सक नियमों को […]
धनबाद: स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक परिवार नियोजन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. सरकारी नियमों की मानें तो एक दिन में चिकित्सक अधिक से अधिक दस का बंध्याकरण या नसबंदी कर सकता है. लेकिन परिवार नियोजन में तीन वर्ष से लगातार पीछे चल रहे जिले के चिकित्सक नियमों को नहीं मान रहे हैं.
रांची की टीम ने दिया था प्रशिक्षण : नवबंर 2015 को रांची की एक टीम ने बंध्याकरण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर सिविल सर्जन कार्यालाय में चिकित्सकों व स्टॉफ को प्रशिक्षण दिया था. इसमें बंध्याकरण के दौरान आवश्यक उपकरण, चिकित्सक, बेड व लाभुकों की संख्या पर विशेष ध्यान देने की बात कही गयी थी. किसी भी परिस्थति में 30 से अधिक नसबंदी या परिवार नियोजन नहीं करने का निर्देश दिया गया था. ऑपरेशन के बाद साफ-सफाई काफी जरूरी है, अनदेखी पर मरीज संक्रमण के शिकार हो सकते हैं.
नियमों के अनुसार ही परिवार नियोजन किये जा रहे है. इसकी मॉनिटरिंग होती है. रिपोर्ट नियमित हम लोग सरकार को भेज रहे हैं.
डा एके सिन्हा, सीएस धनबाद.
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