धनबाद के हीरा को मरणोपरांत शौर्य चक्र

धनबाद: सीआरपीएफ के शहीद अधिकारी हीरा कुमार झा को मरणोपरांत शौर्य चक्र दिया गया है. बुधवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में जिन 58 सुरक्षाकर्मियों को सम्मानित किया, उनमें सीआरपीएफ सातवीं बटालियन (गिरिडीह) के सेकेंड इन कमांड रहे हीरा कुमार झा भी शामिल हैं. शहीद की पत्नी बीनू झा ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2016 8:30 AM
धनबाद: सीआरपीएफ के शहीद अधिकारी हीरा कुमार झा को मरणोपरांत शौर्य चक्र दिया गया है. बुधवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में जिन 58 सुरक्षाकर्मियों को सम्मानित किया, उनमें सीआरपीएफ सातवीं बटालियन (गिरिडीह) के सेकेंड इन कमांड रहे हीरा कुमार झा भी शामिल हैं. शहीद की पत्नी बीनू झा ने सम्मान ग्रहण किया. हीरा झा चार जुलाई 2014 को बिहार के जमुई जिले के लखारी गांव में नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गये थे.
बहादुरी के साथ मुकाबला किया था नक्सलियों का : 1999 में सीआरपीएफ में योगदान देनेवाले शहीद हीरा कुमार झा एक बहादुर अधिकारी थे. चार जुलाई 2014 को भी वे नक्सलियों के साथ बहादुरी से लड़े थे. घटना से पहले गिरिडीह शहर के बेस कैंप में उन्हें सूचना मिली थी कि झारखंड-बिहार की सीमा पर नक्सली छिपे हैं. सूचना पर वे खुद ही बल को लेकर इलाके में सर्च अभियान को निकल पड़े. सर्च करते-करते गिरिडीह जिला से सटे बिहार के जमुई जिले के खैरा थाना इलाके के लखारी गांव पहुंचे. इसी दौरान नक्सलियों ने हीरा झा की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. जवाब में हीरा झा ने भी फायरिंग की. इस बीच नक्सलियों ने ग्रामीणों को आगे कर दिया और दस्ता जंगल की ओर भागने लगा.
हीरा ने खुद की सुरक्षा की चिंता किये बगैर अपने ऑटोमेटिक हथियार से नक्सलियों पर गोली चलानी शुरू कर दी. हीरा की गोली कई नक्सलियों को लगी. इसी दौरान जवाबी फायरिंग कर रहे नक्सलियों की गोली भी हीरा झा को लग गयी और वे शहीद हो गये. इस अभियान में सीआरपीएफ को हार्डकोर नक्सली सिद्धू कोड़ा की पत्नी और दो अन्य नक्सली को पकड़ने में भी सफलता हाथ लगी थी.
धनबाद को अपने लाल पर नाज
हीरा धनबाद के रहने वाले थे. पिता केएन झा जिला परिषद प्रेस के मैनेजर थे. उनकी शिक्षा भी धनबाद में ही हुई थी. शादी भी धनबाद में ही गांधी रोड में हुई. देश के लिए शहीद होने वाले इस अधिकारी का अंतिम संस्कार भी धनबाद के मोहलबनी घाट पर ही हुआ था. बचपन से ही प्रतिभाशाली रहे हीरा झा सीआरपीएफ से पहले बीएसएफ में रह कर भी देश की सेवा कर चुके थे. मरणोपरांत शौर्य चक्र मिलने पर धनबादवासी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

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