हाइटेक युग में उपेक्षित लेटर बॉक्स

धनबाद: एक समय था जब लेटर बॉक्स प्रमुख जगहों पर होते थे और शहर के सौंदर्य में चार चांद लगाते थे. लेकिन हाइटेक के इस युग में वे उपेक्षित से हो गये हैं. आम तौर पर सरकारी नौकरी के लिए आवेदकों को ही उसकी तलाश रहती है. ऐसे समय में प्रधान डाक घर धनबाद के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2014 10:13 AM

धनबाद: एक समय था जब लेटर बॉक्स प्रमुख जगहों पर होते थे और शहर के सौंदर्य में चार चांद लगाते थे. लेकिन हाइटेक के इस युग में वे उपेक्षित से हो गये हैं. आम तौर पर सरकारी नौकरी के लिए आवेदकों को ही उसकी तलाश रहती है.

ऐसे समय में प्रधान डाक घर धनबाद के कुल 19 में से छह लेटर बॉक्स गायब हो गये हैं. प्रधान डाक घर के वरीय अधीक्षक विमल किशोर ने कहा कि जहां-जहां लेटर बॉक्स नहीं है, वहां शीघ्र ही नये लगेंगे. सर्किल ऑफिस रांची को पत्र लिखा गया है. लोग अब चिट्ठी नहीं के बराबर लिखते हैं. कुछ ही लोग लिफाफा, अंतर्देशीय व पोस्ट कार्ड भेजते हैं. इसके अलावा निजी व सरकारी कार्यालय द्वारा विभागीय पत्र व पैकेट भेजा जाता है.

साधारण डाक से नौकरी के लिए अभ्यर्थी फॉर्म भर कर भेजते हैं. अधिकांश व्यक्ति चिट्ठी, सरकारी आवेदन व नौकरी के लिए साधारण डाक का उपयोग प्रधान डाक परिसर के लेटर बॉक्स का ही करते हैं. इसके अलावा डाक घर से स्पीड पोस्ट व पंजीकृत पोस्ट का उपयोग करते हैं.

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