आ रही जागरूकता, बच्चे ले रहे आयरन की गोलियां
झरिया: स्वास्थ्य विभाग का अभियान ‘‘ आयरन की गोली खाओ, एनिमिया भगाओ ’’ का असर होने लगा है. इनके बीच की भ्रांतियां खत्म होने लगी हैं. यही कारण है कि स्कूलों में बच्चे अब आयरन की गोलियां लेने में नहीं हिचक रही हैं. उनमें जागरूकता आयी हैं. अभियान के तहत धनबाद जिले के झरिया प्रखंड […]
झरिया: स्वास्थ्य विभाग का अभियान ‘‘ आयरन की गोली खाओ, एनिमिया भगाओ ’’ का असर होने लगा है. इनके बीच की भ्रांतियां खत्म होने लगी हैं. यही कारण है कि स्कूलों में बच्चे अब आयरन की गोलियां लेने में नहीं हिचक रही हैं.
उनमें जागरूकता आयी हैं. अभियान के तहत धनबाद जिले के झरिया प्रखंड के उच्च व मध्य विद्यालयों में करीब 21 हजार 621 छात्र-छात्राओं को आयरन व कृमिनाशक गोलियां दी जा रही हैं. सप्ताह के हर बुधवार को आयरन की दवा दी जाती है. शुरुआती दिनों में कुछ विद्यालय की छात्राओं ने दवा खाने के बाद उलटी व पेट में दर्द होने की शिकायत की थी. लेकिन, स्थित अब सामान्य हो गयी है. दवा का महत्व व जागरूकता के अभाव में कुछ विद्यालयों में अभिभावकों द्वारा आयरन की गोली देने से मना करने की शिकायतें भी मिली हैं. लेकिन, विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि जल्द ही अभिभावकों की भ्रांतियां दूर कर दी जायेंगी.
झरिया केसी गल्र्स हाइस्कूल की प्रधानाध्यापिका रेणु कुमारी का कहना है कि जुलाई माह से आयरन की दवा दी जा रही हैं. स्कूल में कुल 587छात्राएंअध्ययनरत हैं. मिल्लत एकेडमी की प्रधानाध्यापक साहिन जेया ने बताया कि स्कूल में 507 छात्रएं व 335 छात्र अध्ययनरत हैं. हर बुधवार को आयरन की गोलियां व छह माह पर कृमि नाशक दवा दी जाती हैं. गुजराती हिंदी मध्य विद्यालय की प्रधानाध्यापिका चंद्रा ओझा ने बताया कि यहां 777 छात्र व 334छात्राएंहैं. गोलियां वितरण कर दी गयी हैं. झरिया डीएवी हाइस्कूल के प्रधानाध्यापक रामाकांत सिंह का कहना है कि स्कूल में हेल्थ चेकअप कैंप लगवाया जायेगा.
विद्यालय व विद्यार्थियों का विवरण : झरिया प्रखंड में कुल 14 उच्च व 52 मध्य विद्यालय हैं. इसमें झरिया-1 में सात उच्च विद्यालयों में 4103 छात्र, 3557 छात्रएं व 25 मध्य विद्यालयों में 6072 विद्यार्थी तथा झरिया-2 में सात उच्च विद्यालयों में 1628 छात्र, 1648 छात्रएं व 27 मध्य विद्यालय में 4613 विद्यार्थी हैं.
हेल्थ चेकअप कैंप की जरूरत :झरिया क्षेत्र के करीब एक दर्जन स्कूलों का सर्वे करने के दौरान एक खास बात उभर कर सामने आयी कि किसी भी स्कूल में नियमित हेल्थ चेकअप कैंप नहीं लगता है. प्राय: सभी स्कूल प्रबंधन की यह शिकायत भी है. स्कूल प्रबंधन ने जिला प्रशासन से नियमित हेल्थ चेकअप लगाने की मांग की है.