अवैध खनन से ग्रैंड कॉर्ड रेल लाइन पर खतरा
चिरकुंडा: हावड़ा-दिल्ली ग्रैंड कॉर्ड रेल लाइन पर खतरा मंडरा रहा है. अवैध उत्खनन के चलते यह रेल खंड कभी भी प्रभावित हो सकती है. एक जांच रिपोर्ट पर विश्वास करें तो खतरा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. रिपोर्ट के आधार पर क्या कार्रवाई हुई या की जा रही है, इस बारे में कोई मुंह खोलने […]
चिरकुंडा: हावड़ा-दिल्ली ग्रैंड कॉर्ड रेल लाइन पर खतरा मंडरा रहा है. अवैध उत्खनन के चलते यह रेल खंड कभी भी प्रभावित हो सकती है. एक जांच रिपोर्ट पर विश्वास करें तो खतरा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. रिपोर्ट के आधार पर क्या कार्रवाई हुई या की जा रही है, इस बारे में कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है.
अवैध उत्खनन के चलते ग्रैंड कॉर्ड रेल लाइन पर संभावित खतरे के बारे में इसीएल मंडमन कोलियरी ने जांच करवायी थी. यहां के अभिकर्ता एनके सिन्हा ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था, जिसने स्थलीय निरीक्षण व तकनीकी पड़ताल के बाद अपनी रिपोर्ट 22 अगस्त, 2015 को सौंपी थी. कमेटी में कोलियरी के सेफ्टी ऑफिसर व अन्य दो लोग मौजूद थे.
क्या है रिपोर्ट में : जांच करने वाली टीम ने लगभग 10 माह पूर्व प्रेषित अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा था कि यदि मंडमन कोलियरी के आसपास अवैध उत्खनन नहीं रोका गया तो हावड़ा-नयी दिल्ली ग्रैंड कॉर्ड लाइन को खतरा हो सकता है. साथ ही मंडमन व लक्खीमाता के बीच कोल बैरियर को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है. सदस्यों ने तब की वस्तुस्थिति के आधार पर रिपोर्ट तैयार की थी. मंडमन कोलियरी के अभिकर्ता एनके सिन्हा ने तीन अगस्त, 15 को विभागीय पत्र- इसीएल/एमसी/एजेंट-15/917 जारी कर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इसमें वस्तुस्थिति की जानकारी देने को कहा गया था. कमेटी में कोलियरी के सेफ्टी ऑफिसर व अन्य दो शामिल थे. कमेटी ने 22 अगस्त, 15 को रिपोर्ट सौंपते हुए अवैध उत्खनन स्थल पर कार्य चलने की बात कही थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि अवैध खनन रोका नहीं गया तो ग्रैंड कॉर्ड लाइन पर खथरा उत्पन्न हो सकता है. रिपोर्ट आये 10 महीने हो गये. आज भी मंडमन कोलियरी व इसके आसपास अवैध उत्खनन जारी है. ऐसे में कह सकते हैं कि उत्खनन का दायरा बढ़ा होगा. मुगमा व कालूबथान क्षेत्र में एसओजी द्वारा लगातार पकड़ा जा रहा कोयला इन्हीं अवैध उत्खनन स्थलों से निकाला गया होता है.
इसीएल के अधिकारियों-कर्मियों के हाथ भी गंदे!
अंडरग्राउंड मंडमन कोलियरी के आसपास दर्जनों की संख्या में अवैध मुहाने खोल दिये गये हैं. यहां सैकड़ों की संख्या में लोग जान जोखिम में डाल कर कार्य करते हैं. गौरतलब है कि उत्पादन के बाद इसीएल एमपीएल की छाई से फिलिंग कार्य करवाता है. इसीएल कर्मियों व अधिकारियों की मिलीभगत से फिलिंग के नाम पर कोरम पूरा किया जाता है. कार्य में प्राइवेट ठेकेदारों की भूमिका भी होती है. बांस की चाली देकर ऊपर से छाई डाल दी जाती है.
उद्योगों में खपता है निकाला गया कोयला
मंडमन कोलियरी के आसपास जैसे मुगमा, शिवडंगाल, भालोकसुंदा सहित अन्य अवैध खनन स्थलों से निकाला गया कोयला क्षेत्र के उद्योगों में खपाया जाता है. जमा कोयला पोड़ा बनाकर दूसरे राज्यों में भेजा जाता है.
कमेटी का गठन किया गया था, लेकिन ग्रैंड कॉर्ड लाइन को कोई खतरा नहीं है. अवैध खनन स्थल से लाइन काफी दूर है. अवैध मुहानों की भराई जारी है.
एनके सिन्हा, अभिकर्ता