पीजी को हरी झंडी, सीटों पर असमंजस

धनबाद: पीएमसीएच में पीजी की पढ़ाई के लिए रास्ता साफ हो गया है. हालांकि सीटों की संख्या कितनी होगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है. यह कहना है कि पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ पीके सेंगर का. ये बातें बुधवार को पीएमसीएच पहुंचे एमसीआइ की सात सदस्यीय टीम से बातचीत के बाद डॉ सेंगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2014 10:18 AM

धनबाद: पीएमसीएच में पीजी की पढ़ाई के लिए रास्ता साफ हो गया है. हालांकि सीटों की संख्या कितनी होगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है. यह कहना है कि पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ पीके सेंगर का.

ये बातें बुधवार को पीएमसीएच पहुंचे एमसीआइ की सात सदस्यीय टीम से बातचीत के बाद डॉ सेंगर ने पत्रकारों से कही. पीजी की पढ़ाई के लिए एमसीआइ की ओर से विभिन्न विषयों के प्रतिनिधि पीएमसीएच पहुंच कर फिजिकल वेरिफिकेशन कर रहे हैं. डॉ सेंगर ने बताया कि कॉलेज अस्पताल के डेवलप के लिए राशि मिली है. इसके तहत, ट्रामा सेंटर सहित कई नये वार्ड खोलने हैं. इसके लिए जमीन मुहैया कराना हमारी जिम्मेदारी है. बाकी का डीपीआर मुख्यालय को बनाना है.

रेडियोलॉजी की स्थिति पर जतायी नाराजगी
डॉ वालिया ओटी के बाद एक्स रे रूम गये. वहां पता चला कि यहां रेडियोलॉजिस्ट नहीं है. अल्ट्रासाउंस व बाकी मशीनें खराब पड़ी मिली. ब्लड बैंक में मात्र 48 यूनिट ब्लड थे.

पीजी के लिए जरूरी क्या
संबंधित विभाग में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर हों.

ट्रेनी जूनियर, टीचिंग स्टाफ व रेजिडेंट डॉक्टर हों, जिस विभाग के पास ये तीनों पदाधिकारी हैं, उसे एमसीआइ एक पीजी व दो शिक्षक देगी

क्या है स्थिति
चर्म रोग व पीएसएम (प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन) विभाग में ही प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर हैं.जबकि गायनी, शिशु रोग विभाग, अर्थोपेडिक्स, नेत्र रोग, फिजियोलॉजी, सजर्री, इएनटी आदि विभागों में पर्याप्त चिकित्सक नहीं हैं.

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