चार साल से लटकी है ई-गवर्नेस परियोजना

धनबाद: टेलीकम्युनिकेशंस कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआइएल) झारखंड में नोमिनेशन पर ई-गवर्नेस का काम चाहती है. कंपनी ने राज्य सरकार के पास धनबाद नगर निगम के ई-गवर्नेस परियोजना का काम देने का आग्रह किया है. धनबाद नगर निगम के ई-गवर्नेस परियोजना पिछले चार वर्ष से लटकी हुई है. ई-गवर्नेस योजना की तकनीकी बीडिंग सूचना प्राद्योगिकी विभाग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2014 10:18 AM

धनबाद: टेलीकम्युनिकेशंस कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआइएल) झारखंड में नोमिनेशन पर ई-गवर्नेस का काम चाहती है. कंपनी ने राज्य सरकार के पास धनबाद नगर निगम के ई-गवर्नेस परियोजना का काम देने का आग्रह किया है.

धनबाद नगर निगम के ई-गवर्नेस परियोजना पिछले चार वर्ष से लटकी हुई है. ई-गवर्नेस योजना की तकनीकी बीडिंग सूचना प्राद्योगिकी विभाग की ओर से की जा रही है. इस पर अब तक निर्णय नहीं लिया गया है. टीसीआइएल का कहना है कि कंपनी ने ई-गवर्नेस की कई परियोजनाएं की हैं. इसलिए भारत सरकार का उपक्रम होने की वजह से टीसीआइएल को काम दिया जाये. 2010 में सरकार ने निविदा आमंत्रित की थी.

सिर्फ एबीएम नोलेजवेयर के एकल निविदा डालने की वजह से निविदा रद्द करनी पड़ी थी. इस निविदा से इंफोसिस और देश की अन्य नामी गिरामी कंपनियों ने अपना आवेदन देने से इनकार कर दिया था. बड़ी कंपनियों का कहना था कि झारखंड सरकार ने निविदा के लिए कैपेबिलिटी मैच्यूरिटी मॉडल इंटीग्रेशन (सीएमएमआइ) लेवल को घटा दिया था. सूत्रों का कहना है कि तत्कालीन सचिव ने निविदा की शर्तो में फेरबदल कर आवेदन आमंत्रित किये थे. पहले निविदा समिति ने आवेदक कंपनी के लिए सीएमएमआइ 5 स्तर का होना अनिवार्य किया गया था. इस लेवल को सीएमएमआइ पांच से कम कर दिया गया.

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