महिलाओं ने लिया संकल्प, नशा का नाश करेंगे
महादलित विकास मंच महिला प्रकोष्ठ की पहल धनबाद : ‘नशा का नाश करेंगे, नया इतिहास हम रचेंगे’, ‘बहनों मिलकर कदम बढ़ाओ, नशा भगाओ परिवार बचाओ’, ‘आज अगर नहीं जागे हम, नशा नहीं करेगा रहम’, ‘साथी का साथ छूटेगा, घर परिवार टूटेगा’ इन स्लोगन के साथ महिलाओं ने गांधी सेवा सदन में रविवार को नशा मुक्त […]
महादलित विकास मंच महिला प्रकोष्ठ की पहल
धनबाद : ‘नशा का नाश करेंगे, नया इतिहास हम रचेंगे’, ‘बहनों मिलकर कदम बढ़ाओ, नशा भगाओ परिवार बचाओ’, ‘आज अगर नहीं जागे हम, नशा नहीं करेगा रहम’, ‘साथी का साथ छूटेगा, घर परिवार टूटेगा’ इन स्लोगन के साथ महिलाओं ने गांधी सेवा सदन में रविवार को नशा मुक्त समाज के लिए आवाज बुलंद की. मौका महादलित विकास मंच महिला प्रकोष्ठ झारखंड प्रदेश द्वारा नशा मुक्ति अभियान पर आयोजित सेमिनार का था. मुख्य अतिथि सह धनबाद रेल के मुख्य टिकट निरीक्षक केके दास ने कहा कि यह देखकर खुशी हो रही है कि महिलाएं नशा मुक्त समाज के लिए एकजुट हो रही हैं. नशा के चलते बच्चे पढ़ नही पा रहे हैं, युवा असमय काल के शिकार हो रहे हैं.
नशा को समाप्त करना बेहद जरूरी है. विशिष्ट अतिथि सह बीसीसीएल के राजभाषा सहायक प्रबंधक उदय वीर सिंह ने कहा नशे के शिकार नीचे तबके के लोग अधिक हो रहे हैं. इसका दुष्परिणाम महिलाओं और बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. नशा परिवार के लिए अभिशाप है. इसका बहिष्कार करें. धनबाद रेल की ट्रेन टिकट इंस्पेक्टर सह महिला प्रकोष्ठ की प्रांतीय अध्यक्ष साधना कुमारी ने कहा कि नशा रूपी जहर जीवन को समाप्त कर देता है.
पहले लोग शराब पीते हैं. एक समय ऐसा आता है शराब आदमी को पी लेता है. प्रदेश अध्यक्ष अशोक राम ने कहा नशा के कारण ही हमारा समाज आज भी पिछड़ा है. जिलाध्यक्ष ध्रुव कुमार ने कहा नशा मुक्त समाज हमारे मंच का नारा है. नशा अब परिवार को नाश नही कर पायेगा. इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है. कार्यक्रम का संचालन विकास सहीस धन्यवाद ज्ञापन शांति देवी ने किया.
ये थे उपस्थित : महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष चंद्रावती देवी, सचिव शांति देवी, कोषाध्यक्ष निशा देवी, सुनीता देवी, संध्या देवी, प्रतिमा देवी, मालामुखी देवी, कांति देवी, शिवमती देवी, रेखा देवी, माला देवी, हूबी देवी, मंजू देवी, सुशीला देवी, प्रियांका देवी, बेली देवी, किशोर हाड़ी, रवींद्र भुईयां, विकास कुमार, शुभचंद्र, रामजीत, डबलू हाड़ी, राजेश हाड़ी. रामवतार, वासुदेव ऋृषि, मीठू कुमार आदि
यहां से आयी थीं महिलाएं : धनबाद, झरिया, बाघमारा, महुदा, सिंदरी, चासनाला, पाथरडीह, निरसा, पुटकी, करकेंद, गोविंदपुर से सैकड़ों महिलाएं सेमिनार में शामिल हुई.
नुक्कड़ नाटक से दिया संदेश
सेमिनार में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कलाकारों ने संदेश दिया. एक नाटक शराबी और सूदखोर का था. एक शराबी को शराब का इतना नशा था कि वह शराब के लिए अपनी पत्नी को सूदखोर के पास बेच देता है. शराबी के पांच बच्चे हैं. जब सूदखोर शराबी की पत्नी को ले जाने लगता है सभी बच्चे मां से लिपट कर रोने लगते हैं. विवश मां अपने बच्चों के लिए कुछ नहीं कर पाती है. दूसरे नाटक में सूदखोर शराबी का पासबुक रख लेता है.
शराबी कोलियरी में काम करता है. महीना लगते ही सूदखोर पैसा बैंक से निकाल लेता है. अंत में शराबी की नौकरी छूट जाती है. वह दाने-दाने का मोहताज हो जाता है. राजू हरि द्वारा नाटक तैयार किया गया. मौके पर नाटक कलाकार रंजीत, मिलन, विशु, रवि, रूपेश, विजय, राहुल, मनोज, विष्णु, अमर शुभचंद्र, सुनीता, पूर्णिमा, छोटी, लाली, सुमीत को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया.