आठ साल के बच्चे से घर में काम कराते थे बीसीसीएल के जीएम, चलेगा अभियाेजन

धनबाद : बहुत मारते थे, पीटते थे और घर का सारा काम मुझसे ही कराते थे. पैसे कभी नहीं दिया और न पढ़ने ही दिया. यह व्यथा 11 वर्षीय मासूम बच्चे दीपक (काल्पनिक नाम) की है. तीन साल से दिन-रात लगातार काम करने से तंग आकर 12 सितंबर को दीपक घर से भाग निकला. बिग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2016 7:22 AM
धनबाद : बहुत मारते थे, पीटते थे और घर का सारा काम मुझसे ही कराते थे. पैसे कभी नहीं दिया और न पढ़ने ही दिया. यह व्यथा 11 वर्षीय मासूम बच्चे दीपक (काल्पनिक नाम) की है. तीन साल से दिन-रात लगातार काम करने से तंग आकर 12 सितंबर को दीपक घर से भाग निकला. बिग बाजार के पास रो रहा था कि किसी राहगीर ने उसे देखा और उसकी सूचना चाइल्ड लाइन को दी.

इसके बाद बच्चे को चाइल्ड लाइन की टीम अपने दफ्तर ले आयी. बच्चे को बेरहमी से पीटने और प्रताड़ित करने का यह आरोप बीसीसीएल के जीएम (प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग) एनके मार्तंड पर है. तीन साल पहले काम कराने की मकसद से जब वह बच्चे को घर लाये थे, तब उसकी उम्र केवल आठ साल थी. बाल कल्याण समिति के समक्ष काउंसिलिंग के दौरान समिति सदस्य देवेंद्र शर्मा, बाल संरक्षण पदाधिकारी आनंद कुमार, चाइल्ड लाइन के अरुण कुमार आदि मौजूद थे. काउंसेलिंग के बाद दीपक को उसके अभिभावकों को सौंप दिया गया.

अधिकारी को कानून का नहीं डर : 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे से काम लेना अपराध है. इसके लिए जुर्माने के साथ-साथ सजा का भी प्रावधान है. इसके बावजूद और सार्वजनिक प्रतिष्ठान के अधिकारी होकर भी बीसीसीएल के जीएम को कानून का डर नहीं था. यही वजह है कि छोटे से बच्चे से झाड़ू, पोंछा, बरतन धुलाने, खाना बनवाने के साथ-साथ घर का हर काम लेते थे. बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन नीता सिन्हा ने शुक्रवार को बच्चे की काउंसिलिंग की. इस दौरान जीएम भी सामने थे. अपने बचाव में उन्होंने कहा कि एक वह बार बिजली का तार छू रहा था, तब पिटाई की थी. पढ़ना नहीं चाहता था, इसलिए उसके अभिभावकों ने मुझे सौंप दिया.
मां से था मिलना : आठ साल का था दीपक जब वह मां से बिछड़ गया. जीएम श्री मार्तंड उसे अपने घर ले आये. तब से हर वक्त दीपक मां से मिलाने की मिन्नत करता रहता था. मां से मिलने की इसी चाहत ने दीपक को घर से भागने पर मजबूर कर दिया.

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