कोयला उद्योग में बोनस पर 22 की बैठक स्थगित

इंटक विवाद में उलझा मामला, कोलकाता में होनेवाली थी बैठक मजदूर नेताओं ने केंद्र सरकार पर लगाया राजनीति का आरोप धनबाद : इंटक विवाद में कोल मजदूरों का बोनस भी उलझ गया लगता है. कोयला कामगारों को दुर्गापूजा में भुगतान होनेवाले बोनस के मुद्दे पर कोलकता में 22 सितंबर को प्रस्तावित बैठक स्थगित हो गयी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2016 5:26 AM

इंटक विवाद में उलझा मामला, कोलकाता में होनेवाली थी बैठक

मजदूर नेताओं ने केंद्र सरकार पर लगाया राजनीति का आरोप
धनबाद : इंटक विवाद में कोल मजदूरों का बोनस भी उलझ गया लगता है. कोयला कामगारों को दुर्गापूजा में भुगतान होनेवाले बोनस के मुद्दे पर कोलकता में 22 सितंबर को प्रस्तावित बैठक स्थगित हो गयी. कामगार इस बैठक का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. वहीं मजदूर संगठन के नेताओं ने केंद्र सरकार पर इंटक विवाद और कोयला मजदूरों से राजनीति करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की बात कही है.
जानकारी के मुताबिक ददई दुबे की याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में मंगलवार को कोल इंडिया प्रबंधन ने एडवोकेट जेनरल से कानूनी सलाह मांगी.
सूत्रों के मुताबिक एडवोकेट जेनरल से आज कानूनी सलाह नहीं मिली तो प्रबंधन ने बैठक स्थगित करने की सूचना मजदूर संगठन के नेताओं को मंगलवार को दी. इससे पहले मंगलवार को दिल्ली में आयोजित दो महत्वपूर्ण बैठक को भी कोल मंत्रालय ने सोमवार को स्थगित करने की सूचना नेताओं को तब दी जब वे एयरपोर्ट पर थे.
बोनस पर तीन अक्तूबर को बैठक होने की संभावना जतायी जा रही है, क्योंकि तीन अक्तूबर को ही कोल इंडिया चेयरमैन एस भट्टाचार्य विदेश दौरे से लौटेंगे. इधर बैठक रद्द होने के सवाल पर इंटक नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की गयी, पर उनका मोबाइल बंद मिला. जबकि अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के महामंत्री प्रदीप दत्ता ने कहा कि अभी हमारी बैठक चल रही है, कल इस बारे में बयान देंगे.
नेताओं ने कहा
केंद्र सरकार ददई दुबे के सहारे कोयला मजदूरों से राजनीति कर रही है. इसमें बीएमएस भी साथ है. ददई का इस्तेमाल कर मोदी सरकार मजदूरों की एकता तोड़ना चाहती है. राष्ट्रीय स्तर पर एटक, सीटू और एचएमएस इंटक रेड्डी गुट के साथ है.
रमेंद्र कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष एटक
सरकार कोयला मजदूरों को छलना चाहती है. बोनस की बैठक टालना सरकार के लिए महंगा साबित होगा. सभी मजदूर संगठन और मजदूर एक हैं. सरकार के मंसूबे को पूरा नहीं होने देंगे. सभी से बात कर रहे हैं. जोरदार आंदोलन करेंगे.
डीडी रामनंदन, महासचिव,ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन

Next Article

Exit mobile version