देशहित में गुणवत्तापूर्ण शोध जरूरी : पाणिग्रही

धनबाद: आइआइटी (आइएसएम) धनबाद में संस्थान के सेंट्रल लाइब्रेरी की ओर से सोमवार को प्रबंधन शोध की कार्यप्रणाली पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. पेनमैन हॉल में कार्यशाला का उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रो. डीसी पाणिग्रही ने किया. उन्होंने बताया कि आधुनिकता की कसौटी पर खरा उतरते हुए आइआइटी (आइएसएम) धनबाद ने शोध के क्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2016 2:58 AM
धनबाद: आइआइटी (आइएसएम) धनबाद में संस्थान के सेंट्रल लाइब्रेरी की ओर से सोमवार को प्रबंधन शोध की कार्यप्रणाली पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. पेनमैन हॉल में कार्यशाला का उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रो. डीसी पाणिग्रही ने किया. उन्होंने बताया कि आधुनिकता की कसौटी पर खरा उतरते हुए आइआइटी (आइएसएम) धनबाद ने शोध के क्षेत्र में राष्ट्रीय पटल पर पहचान बनायी है. इस उपलब्धि के लिए सेंट्रल लाइब्रेरी भी बधाई का पात्र है. उन्होंने महान वैज्ञानिक आइंस्टीन के नोबल पुरस्कार की कहानी सुनाते हुए बताया कि तीन पुरस्कार की दक्षता के बावजूद उन्हें केवल एक ही नोबल पुरस्कार मिला.

उन्होंने समाज व देशहित में गुणवत्तापूर्ण शोध पर बल दिया. समारोह में थॉमसन रियूटर्स के विषभ शर्मा ने वैज्ञानिक तंत्र के जरिये प्रबंधन शोध की कार्यप्रणाली जेसीआर तथा टिप्पणी में अपनी प्रस्तुति को जानने के तरीके प्रजेंटेशन के माध्यम से बताये.

डीन रिसर्च प्रो. एस मोहंती ने कहा कि स्पर्धा के दौर में शोध के क्षेत्र में आइआइटी (आइएसएम) राष्ट्रीय पटल पर काफी तेजी से आगे बढ़ा है. इस मामले में यह संस्थान कुछ पुराने आइआइटी को छोड़ बाकी सभी में आगे है. लाइब्रेरी इंचार्ज हेड पार्था डे ने बताया कि 2009 में इस संस्थान ने शोध के क्षेत्र में जहां केवल 70 पब्लिकेशन ही प्रस्तुत किया था वहीं 2016 में यह बढ़ कर 668 हो गया है. शोध के क्षेत्र में संस्थान की उपलब्धि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में रैंकिंग के माध्यम से इस साल सामने आयेगी. इसके लिए अपनी विवरण संस्थान निर्धारित तिथि 30 सितंबर से पहले भेज देगा. मौके पर दो सौ से भी अधिक रिसर्च स्कॉलर स्टूडेंट्स व फैकल्टी मौजूद थे.

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