विदेशी विशेषज्ञों ने कहा गोल्डन आवर से बच सकती है जान : मैरिजो पौलुसी
इटली से आये एडीबी के विशेषज्ञ मैरिजो पौलुसी ने गोल्डन आवर व ट्रामा सेंटर पर विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद जितने लोग खड़े होकर देखते हैं, यदि उस समय स्थानीय पुलिस, एंबुलेंस को फोन करें, या खुद नजदीकी अस्पताल ले जायें, तो 60 प्रतिशत से अधिक मरीज की जान बचायी जा […]
इटली से आये एडीबी के विशेषज्ञ मैरिजो पौलुसी ने गोल्डन आवर व ट्रामा सेंटर पर विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद जितने लोग खड़े होकर देखते हैं, यदि उस समय स्थानीय पुलिस, एंबुलेंस को फोन करें, या खुद नजदीकी अस्पताल ले जायें, तो 60 प्रतिशत से अधिक मरीज की जान बचायी जा सकती है. वहीं किसी भी स्टेट व नेशनल हाइवे में एक निश्चित दूरी पर जगह-जगह ट्रामा सेंटर होने चाहिए.
विकसीत देशों से सीखने कीजरूरत : पॉल डिजनी
यूके से आये एडीबी के एक्सपर्ट पॉल डिजनी ने कहा कि 10 प्रतिशत दुर्घटना रोड साइड के कारण होती है. निर्माण से पहले व्यापक प्लानिंग, भौगोलिक अवलोकन से भी इसे कम किया जा सकता है. विदेशों में एक निश्चित सीमा पर हाइवे से सटे पार्किंग होती है. होटल व अन्य के साइन बड़े-बड़े अक्षर में होते हैं. इन सभी से विकासशील देशों में भी दुर्घटना दर को कम किया जा सकता है.
ब्लैक स्पॉट की पहचान करें : बिक
न्यूजीलैंड के एबीडी एक्सपर्ट काजिमीर्ज बिक ने कहा कि एक स्थान पर यदि बार-बार दुर्घटना होती है, तो इस स्थान को चिह्नित कर इसमें परिवर्तन करने चाहिए. इससे ब्लैक स्पॉट को कम या खत्म करने की जरूरत होती है. इससे काफी हद तक दुर्घटना को कम किया जा सकता है.