इलाज के लिए 50 हजार शिक्षा के लिए दो लाख
धनबाद: अब पैसे के अभाव न किसी बीसीसीएल कर्मी का इलाज रुकेगा न ही उनके बच्चों की पढ़ाई. कंपनी की ओर से ह्दय रोग, कैंसर, लेप्रोसी, पारालिसिस, गुर्दा, एचआइवी एड्स, मस्तिष्क रोग के इलाज के लिए पचास हजार रुपये तक की मदद की पहल की गयी है. कंपनी इसके अलावा शिक्षा ऋण के रूप में […]
धनबाद: अब पैसे के अभाव न किसी बीसीसीएल कर्मी का इलाज रुकेगा न ही उनके बच्चों की पढ़ाई. कंपनी की ओर से ह्दय रोग, कैंसर, लेप्रोसी, पारालिसिस, गुर्दा, एचआइवी एड्स, मस्तिष्क रोग के इलाज के लिए पचास हजार रुपये तक की मदद की पहल की गयी है. कंपनी इसके अलावा शिक्षा ऋण के रूप में दो लाख रुपये तक की सहायता भी देगी. डीपी पीइ कच्छप ने कर्मचारी राहत समिति की बैठक में इसकी घोषणा की.
केंद्रीय अस्पताल चिकित्सक समिति करेगी अनुशंसा : मदद की अनुशंसा केंद्रीय चिकित्सालय के चिकित्सकों की समिति करेगी. समिति की बैठक में मदद देने वाले कर्मियों से जुड़े मामले की समीक्षा की जायेगी. समिति में इन रोगों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है. इसके अलावा बीसीसीएलकर्मियों के पुत्र-पुत्रियों के लिए शैक्षिक सहायता का भी प्रावधान किया गया है. शिक्षा ऋण के रूप मे दो लाख रुपये दिये जायेंगे.
जिनकी नौकरी दस साल बची, उन्हें ही फायदा : जिनकी नौकरी दस साल बची है, इस मदद का फायदा उन्हें ही मिलेगा. जिन छात्रों को कंपनी की ओर से पहले ही छात्रवृत्ति व अन्य सहायता दी जा रही है, उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पायेगा. ऋण की रकम की अदायगी पहले साल में एक हजार रुपये प्रतिमाह, दूसरे साल में दो हजार रुपये प्रतिमाह, तीसरे साल में तीन हजार रुपये प्रतिमाह व चौथे साल में चार हजार रुपये प्रतिमाह की दर से कटौती की शर्त पर की जायेगी.
अहम निर्णय
डीपी ने इसे एक अहम निर्णय बताया. उन्होंने कहा-यह राहत कोष सोसायटी का महत्वपूर्ण निर्णय है. इसे श्रमिक प्रतिनिधियों व प्रबंधन ने सर्वसम्मति से मिल कर लिया है. यह प्रबंधन के सकारात्मक सोच का परिणाम है. इससे ज्यादा से ज्यादा बीसीसीएलकर्मियों को फायदा पहुंचेगा. बैठक मं डॉ सुभाष गुप्ता (सीएमएस), आर एम प्रसाद (महाप्रबंधक कल्याण), बीजी पंडित (मुख्य प्रबंधक वित्त), राहत कोष समिति के कोषाध्यक्ष भवानी बंदोपाध्याय, श्रमिक प्रतिनिधियों में केबी सिंह, मिथिलेश कुमार सिंह, केडी पांडेय,सुरेंद्र बहादुर सिंह, उमेश सिंह, अशोक साव मौजूद थे.