पैसे के अभाव में सात घंटे पड़ा रहा बिरहोर महिला का शव

धनबाद: पीएमसीएच के महिला बर्न वार्ड में 12 दिनों से भर्ती बिरहोर महिला चुन्नी देवी (26) ने मंगलवार सुबह नौ बजे दम तोड़ दिया. घर ले जाने के लिए परिजनों के पास पैसे नहीं होने कारण अस्पताल में सात घंटे तक शव पड़ा रहा. इसकी सूचना उपायुक्त ए दोड्डे को मिली, उपायुक्त के निर्देश के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2016 8:28 AM
धनबाद: पीएमसीएच के महिला बर्न वार्ड में 12 दिनों से भर्ती बिरहोर महिला चुन्नी देवी (26) ने मंगलवार सुबह नौ बजे दम तोड़ दिया. घर ले जाने के लिए परिजनों के पास पैसे नहीं होने कारण अस्पताल में सात घंटे तक शव पड़ा रहा. इसकी सूचना उपायुक्त ए दोड्डे को मिली, उपायुक्त के निर्देश के बाद पीएमसीएच प्रबंधन हरकत में आया.

एक एंबुलेंस के साथ तीन कर्मचारी शव लेकर उसके घर गये. 20 अक्तूबर को गिरिडीह के सरिया प्रखंड स्थित अमनारी बिरहोर टंडा गांव निवासी चुड़का बिरोहर की पत्नी खाना बनाने के दौरान झुलस गयी थी.मौत के बाद परिजन पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे, बाद में परिजन माने. दोपहर एक बजे पोस्टमार्टम शुरू हुआ. शाम पौने चार बजे एंबुलेंस शव लेकर गिरिडीह के लिए रवाना हुआ.

बिना दवा के 12 दिनों तक तड़पती रही
बीस अक्तूबर को गंभीर स्थिति में महिला को पीएमसीएच के बर्न वार्ड में भरती कराया गया था. लेकिन पति चुड़का के पास दवा के लिए पैसे नहीं थे. इसके बाद अस्पताल के कुछ लोगों ने कुछ चंदा करके उसे पैसे दिये. आदिवासी समुदाय के कुछ नेताओं ने आकर आर्थिक मदद की, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं था. दवा के अभाव में महिला तड़पती रही. सोमवार को उसकी तबीयत काफी खराब हो गयी. रात नौ बजे के आसपास उसने दम तोड़ दिया. वहीं पीएमसीएच प्रबंधन ने दवा की कोई कमी नहीं होने की बात कही थी, लेकिन इसका कोई ज्यादा फायदा नहीं मिला.
निर्देश के बाद ऑफिस पहुंचे कर्मी-पदाधिकारी
उपायुक्त के निर्देश के बाद पीएमसीएच के चिकित्सक व कर्मी हरकत में आये. छुट्टी के दिन होने के कारण कार्यालय बंद थे. अधीक्षक डॉ आरके पांडेय अपने कार्यालय पहुंचे. उनके साथ कुछ कर्मी भी आये. इसके बाद एंबुलेंस को लेकर काफी देर तक मत्थापच्ची होती रही. एंबुलेंस के साथ कर्मी व चालक को बुलाया गया.
आदिम जनजाति के इलाज में भी कोताही
झारखंड सरकार ने बिरहोर को विलुप्त होने की कगार पर पहुंची आदिम जनजाति में शामिल किया है. सरकार के अनुसार इन्हें मेडिकल, शिक्षा व सभी कल्याणकारी योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है, लेकिन असल हकीकत कुछ और है. चुड़का बिरहोर ने बताया कि उसे कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलती है.

Next Article

Exit mobile version