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उत्प्रेरणा केंद्र: कहीं कागज पर तो कहीं भगवान भरोसे

धनबाद: जिले में कुल चार उत्प्रेरण केंद्र एक सितंबर 2016 से चल रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ आैर है. आदर्श हिंदी मध्य विद्यालय पुराना बाजार में केंद्र का संचालन शुरू ही नहीं हुआ है. वहीं प्राथमिक विद्यालय डायमंड क्रॉसिंग के साथ टैग केंद्र भगवान भरोसे है. जिला मुख्यालय का यह हाल है, फिर दूर के […]

धनबाद: जिले में कुल चार उत्प्रेरण केंद्र एक सितंबर 2016 से चल रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ आैर है. आदर्श हिंदी मध्य विद्यालय पुराना बाजार में केंद्र का संचालन शुरू ही नहीं हुआ है. वहीं प्राथमिक विद्यालय डायमंड क्रॉसिंग के साथ टैग केंद्र भगवान भरोसे है. जिला मुख्यालय का यह हाल है, फिर दूर के केंद्रों का हाल समझा जा सकता है.
यह था उद्देश्य : स्लम क्षेत्र के वो बच्चे जो किसी कारणवश स्कूल नहीं जा पाते, लेकिन पढ़ना चाहते हैं. ऐसे बच्चों के लिए उत्प्रेरण केंद्र खोले गये थे. इन केंद्रों में पढ़ाई शुरू करने से पहले स्नान करने, नाश्ता समेत सभी प्रकार के प्रबंध होने थे. उद्देश्य है कि छह से 14 वर्ष के बच्चे इन केंद्रों पर अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर सकें. केंद्र का संचालन सुबह आठ से 1:30 व दो से शाम छह बजे तक दो पालियों में होना है, ताकि बच्चे अपनी सहूलियत अनुसार किसी भी वक्त यहां आकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें.
कहां-कहां के बच्चे हैं केंद्र में नामांकित
धनबाद के इन दो केंद्रों में छाई गद्दा, न्यू स्टेशन कॉलोनी, अचारपट्टी एवं आसपास के क्षेत्र के वे बच्चे हैं, जो कचरा चुनने, ट्रेन में झाड़ू लगाने एवं ऐसे ही काम करते हैं. आदर्श मवि पुराना बाजार में दो वर्ष केंद्र का संचालन हुआ भी है. झरिया में नया प्रावि खास झरिया एक व नया प्रावि खपड़ाधौड़ा में भी केंद्र का चयन हुआ है. छह माह के गैर आवासीय प्रशिक्षण को अनुदेशक को अधिकतम पांच हजार रुपये प्रतिमाह, 150 रुपये प्रति छात्र छह माह के लिए पठन-पाठन सामग्री के लिए, 75 रुपये प्रति छात्र शिक्षण उपकरण, 30 रुपये विशेष प्रशिक्षण के दस्तावेजीकरण एवं दस रुपये प्रति छात्र के हिसाब से छह माह के लिए उपलब्ध कराया जाना है.
उत्प्रेरण केंद्रों में यह होनी है व्यवस्था
हर उत्प्रेरण केंद्र में शौचालय, पेयजल एवं स्नानागार की व्यवस्था होनी है. केंद्र के अनुकूल आनंददायी कक्ष के रूप में रंग-रोगन होना है. केंद्र के हर बच्चे का चाइल्ड प्रोफाइल तैयार करने के साथ-साथ हर बच्चे को आधार से जोड़ा जाना है. बच्चों का बेसलाइन एसेसमेंट तैयार होना है. केंद्र में बिजली, टीएलएम, बुनियाद किट की भी व्यवस्था होनी है. एक कंप्यूटर सेट व टीवी भी होना चाहिए.
यह था आदेश : इसी वर्ष 27 अगस्त को डीएसइ द्वारा धनबाद व झरिया के बीआरसीसी को लिखे पत्र में राशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था. कहा गया था कि संबंधित केंद्रों को राशि प्राप्त होते ही उपलब्ध कराया जाये. साथ ही केंद्रों में निर्धारित सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये. यह राशि तीन महीने के लिए देने की बात है.

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