92 पैसा में रेलवे देती है 10 लाख का बीमा

इंटरनेट से टिकट खरीदनेवाले सिर्फ भारतीयों को ही मिलती है सुविधा धनबाद : रेलवे आइआरसीटीसी से टिकट खरीदने वाले यात्रियों को 92 पैसा में 10 लाख रुपये का इंश्योरेंस देती है. यह सुविधा इंटरनेट से टिकट खरीदने वाले सिर्फ भारतीय यात्रियों को ही मिलती है. विदेशी यात्रियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2016 5:37 AM

इंटरनेट से टिकट खरीदनेवाले सिर्फ भारतीयों को ही मिलती है सुविधा

धनबाद : रेलवे आइआरसीटीसी से टिकट खरीदने वाले यात्रियों को 92 पैसा में 10 लाख रुपये का इंश्योरेंस देती है. यह सुविधा इंटरनेट से टिकट खरीदने वाले सिर्फ भारतीय यात्रियों को ही मिलती है. विदेशी यात्रियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलता है. टिकट बुक करते समय ग्राहक से पूछा जाता है कि यात्री यह सुविधा लेना चाहता है या नहीं. यात्री इस सुविधा का लाभ नहीं भी ले सकते हैं. अगर यात्री इंश्योरेंस का विकल्प चुनते हैं, तो उन्हें टिकट के साथ यह पैसा देना पड़ता है. इंश्योरेंस संबंधी पूरा विवरण यात्री को उसके मोबाइल पर एसएमएस या इ-मेल के माध्यम से भेज दी जाती है. पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिलता है .
इंश्योरेंस का ऐसे मिलता है लाभ
मृत्यु : 10 लाख रुपये
स्थायी विकलांगता : 10 लाख रुपये
आंशिक विकलांगता : 7.5 लाख रुपये
अस्पताल में भरती : 2 लाख रूपये
यातायात खर्च के लिए : 10 हजार रुपये
ये भी महत्वपूर्ण
यह सभी क्लास में यात्रा करनेवाले यात्रियों के लिए है
वेटिंग टिकट लेने-टिकट रद्द कराने पर बीमा राशि नहीं लौटायी जाती है.
ट्रेन का रूट बदलने पर डाइवर्ट रूट पर ही कवरेज
इंश्योरेंस लेने वाले यात्री इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम करेंगे.
एक पीएनआर पर सभी यात्री इंश्योरेंस के दायरे में आयेंगे.
टिकट बुकिंग कराने पर नॉमिनी का नाम दर्ज नहीं करने पर वैधानिक कानून से क्लेम मिलेगा.
ठंड के मद्देनजर ट्रैक पर विशेष ध्यान देने का निर्देश
धनबाद़ ठंड को देखते हुए रेल पटरियों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है. हर रात नियमित रूप से पटरियों की जांच करायी जा रही है़ रेलवे के अधिकारी ने कहा कि जहां जरूरी है, वहां नयी पटरी लगायी जा रही है. जहां पटरियों में क्रेक होने की थोड़ी भी संभावना रहती है, वहां पटरियों की अल्ट्रासाउंड मशीन से बारीकी से जांच की जा रही है़ थोड़ी भी खराबी अथवा संदेह होने पर तुरंत पटरियों को बदल दिया जाता है़ इसके अलावा ज्वाइंट व फिश प्लेट पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है, क्योंकि अक्सर उसी जगह पर अधिक घटना होती है.

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