एलइडी लाइट के साथ टाइमर भी लगेगा

धनबाद. एलइडी लाइट के साथ टाइमर भी लगाया जायेगा. बिजली विभाग की शिकायत है कि कुछ एलइडी लाइट दिन-रात चलती है. जहां लोड अधिक होगा, वहां अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाया जायेगा. नगर आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि बिजली बोर्ड के अधिकारियों से आज बैठक कर कुछ बिंदुओं पर चर्चा की गयी. बिजली बोर्ड के अधिकारियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2016 3:53 AM
धनबाद. एलइडी लाइट के साथ टाइमर भी लगाया जायेगा. बिजली विभाग की शिकायत है कि कुछ एलइडी लाइट दिन-रात चलती है. जहां लोड अधिक होगा, वहां अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाया जायेगा. नगर आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि बिजली बोर्ड के अधिकारियों से आज बैठक कर कुछ बिंदुओं पर चर्चा की गयी. बिजली बोर्ड के अधिकारियों को कहा गया कि शहर की अधिकांश लाइटें जलती नहीं है बावजूद बिजली बिल अधिक क्यों आता है. इसकी समीक्षा करें, उसके बाद बिल भेंजे. नगर आयुक्त ने बताया कि कुल 35 हजार एलइडी लाइट लगानी है. 6312 एलइडी लाइट का एग्रीमेंट कर लिया गया है. 27 हजार 520 एलइडी लाइट का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है.
अधिकारियों के बीच बांटा गया अधिकार : नगर निगम में गुरुवार को कार्यों का बंटवारा किया गया है. योजना संबंधी एकरारनामा, मापी पुस्त सत्यापन एवं संबंधित विपत्र पारित करने का अधिकार की सीमा प्राधिकृत किया गया है. अब 15 लाख तक विपत्र पारित करने का अधिकार कार्यपालक पदाधिकारी के पास होगा. जबकि 15 से 30 लाख तक से उप नगर आयुक्त व तीस लाख से अधिक के विपत्र पारित करने का अधिकार अपर नगर आयुक्त को दिया गया है. गुरुवार को नगर आयुक्त ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है.
12 रैग पीकर्स का रजिस्ट्रेशन : नगर निगम ने कूड़ा-कचरा चुननेवालों का रजिस्ट्रेशन कर रहा है. आइ कार्ड व ड्रेस उपलब्ध करा रहा है. बुधवार को 12 रैग पीकर्स का रजिस्ट्रेशन किया गया. सिटी मैनेजर विजय कुमार ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार रैग पीकर्स का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है.
नगर निगम बोर्ड की बैठक आज : नगर निगम बोर्ड की बैठक शुक्रवार को डीआरडीए सभागार में होगी. स्टैंडिंग कमेटी में लिये गये निर्णय को बोर्ड में रखा जायेगा. बोर्ड से पारित होने के बाद योजनाओं को धरातल पर उतारा है. भारी वाहनों से बीस रुपये प्रति टन , मार्शल एक्ट सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी. इधर, आय-व्यय की जानकारी नहीं देने पर पार्षद विरोध कर सकते हैं. पार्षदों का कहना है कि आखिर निगम आय-व्यय का ब्योरा क्यों नहीं दे रही है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि वित्तीय अनियमितता हो रही है.

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