आउटसोर्सिंग कंपनियों पर 15 करोड़ बकाया

धनबाद: बीसीसीएल में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनियों पर धनबाद के माइनिंग स्पेयर पार्ट्स विक्रेताओं का 15 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया हो गया है. कंपनियां भुगतान को लेकर टााल-मटोल कर रही हैं. अधिकांश कंपनियां का काम सब कांट्रैक्टर व पेटी के भरोसे चल रहा है. एक-दो कंपनियों का चेक भी बाउंस कर गया है. विक्रेताओं ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2016 8:03 AM
धनबाद: बीसीसीएल में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनियों पर धनबाद के माइनिंग स्पेयर पार्ट्स विक्रेताओं का 15 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया हो गया है. कंपनियां भुगतान को लेकर टााल-मटोल कर रही हैं. अधिकांश कंपनियां का काम सब कांट्रैक्टर व पेटी के भरोसे चल रहा है. एक-दो कंपनियों का चेक भी बाउंस कर गया है. विक्रेताओं ने आपूर्ति बंद कर दी है. पार्ट्स विक्रेताओं ने धनबाद माइनिंग स्पेयर्स पार्ट्स एसोसिएशन बना बकाया भुगतान को लेकर बीसीसीएल व प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगायी है.

पार्ट्स विक्रेताओं ने पिछले दिनों धनबाद के सांसद पीएन से मिलकर स्मार पत्र दिया व मदद की गुहार लगायी. बीसीएल के सीएमडी, धनबाद के डीसी व एसएसपी को भी पत्र देकर बकाया भुगतान कराने का आग्रह किया. एसोसिएशन का आरोप है कि बीसीसीएल में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनियां नियमों की अनदेखी कर पेटी व सब कांट्रैक्टरों से काम करवा रही है.

अगर पेटी कांट्रैक्ट का प्रावधान नहीं है तो फिर वह माल खरीद कैसे प्रोजेक्ट में इन व आउट करती है. मुख्य आउटसोर्सिंग कंपनियां भुगतान की मांग करने पर सीधे इनकार कर देती है. उनका कहना होता है कि वह कुछ नहीं कर सकते हैं. बीसीसीएल प्रबंधन भी मामले में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है. स्पेयर पार्ट्स विक्रेताओं को भारी वित्तीय संकट से जूझना पड़ रहा है. उन लोगों ने करोड़ों रुपये का बकाया होने के कारण आउटसोर्सिंग कंपनियों की आपूर्ति बंद कर दी है. आरोप है कि संबंधित कंपनियां स्लीप पर बाहर से माइनिंग स्पेयर पार्ट्स मंगवाकर टैक्स की चोरी कर रही है.

इन कंपनियों पर बकाया : माइनिंग स्पेयर्स पार्ट्स एसोसिएशन के संरक्षक नीतिन भट्टा, चेयरमैन एमएस त्रिवेदी, अध्यक्ष रिजवान असलम, सचिव कल्याण सेन व कोषाध्यक्ष सैंकी सलूजा हैं. एसोसिएशन के पदाधिकारियों का दावा है कि साईंश्री के पास लगभग एक करोड़, विनरमा के पास 60 लाख, कांडला के पास एक करोड़, अन्नपूर्णा त्रंबकेश्वर माइनिंग के पास पांच करोड़, सेवेन हिल्स के पास तीन करोड़, चामुंडा के पास 60 लाख, महाकाल के पास 60 लाख रुपये बकाया है. एसोसिएशन के ज्योति बैटरी, सलूजा मोटर, पंजाब मोटर, एट्राकॉन कॉरपोरेशन, गणेश हार्डवेयर, नीलम हार्डवेयर, दृष्टि इंटरप्राइजेज, एमपी इंटरप्राइजेज, देवसी अर्थ मूवर्स, नजफ इंजिनीयरिंग समेत कतरास मटकुरिया के इन दुकानदारों का बकाया है.

सेवेन हिल्स, साकार मास, साईं, वीनरमा, कंडला आदि प्रोजेक्ट के इंचार्ज व काम देखने वाले नंबरों पर प्रभात खबर की ओर से मामले पर पक्ष जानने के लिए फोन किये गये. सेवेन हिल्स व विनरमा ने फोन नहीं पिकअप किया. अन्य के फोन बंद या नॉट रिचेवल मिले. शैली के डायरेक्टर किरण रेड्डी ने फोन पर बताया कि लगभग डेढ़ वर्ष से उनका बिल बीसीसीएल के पास लंबित है. बीसीसीएल के नये सीएमडी ने बिल भुगतान की दिशा में पहल की है. वह पार्ट्स विक्रेताओं के संपर्क में है. दो-तीन माह में बकाया भुगतान कर देंगे.

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