तीन दिन बाद बैंक खुलते ही उमड़े लोग
धनबाद : तीन दिनों के बाद मंगलवार को बैंकों के खुलने के साथ ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. कोई रकम लेने तो कोई रकम जमा करने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहे. दूसरी ओर एटीएम में करेंसी आने के बाद लोगों की भीड़ एटीएम के बाहर भी लगी. एसबीआइ मेन ब्रांच, हीरापुर ब्रांच, […]
धनबाद : तीन दिनों के बाद मंगलवार को बैंकों के खुलने के साथ ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. कोई रकम लेने तो कोई रकम जमा करने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहे. दूसरी ओर एटीएम में करेंसी आने के बाद लोगों की भीड़ एटीएम के बाहर भी लगी. एसबीआइ मेन ब्रांच, हीरापुर ब्रांच, आइएसएम ब्रांच में लोगों की काफी भीड़ रही. एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ इंडिया सहित अन्य बैंकों में भी भीड़ रही. पुरुषों की तुलना में महिलाअों की भी काफी भीड़ रही. हीरापुर एसबीआइ ब्रांच में ग्रीन चैनल विंडो खराब होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि बाद में इसे ठीक कर लिया गया.
30 प्रतिशत एटीएम में ही मिले पैसे : करेंसी के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. एसबीआइ की एटीएम में पैसा होने के कारण लोगों की लाइन दिखी, तो अन्य बैंकों की एटीएम में पैसे नहीं थे. लगभग 30 प्रतिशत एटीएम में ही पैसे थे. शहर के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी एटीएम में पहुंचे थे.
इ-पोस का विकल्प एबीआइ का मर्चेंट बड्डी : कैशलेस की ओर एसबीआइ तेजी से काम कर है. एसबीआइ के रीजनल मैनेजर विमलेंदु ने बताया कि इ-पोस मशीन सभी जगह उपलब्ध नहीं हो पा रही है. ऐसे में विकल्प के तौर पर एसबीआइ मर्चेंट बड्डी नामक एप को डाउनलोड किया जा सकता है. एसबीआइ में जिनका करेंट अकाउंट हैं, वह इसका लाभ ले सकते हैं.
नेटवर्क प्रॉब्लम से काम नहीं कर रही इ-पोस
प्रशासन की ओर से जिले में व्यवसायियों को इ-पोस मशीन दी जा रही है. लेकिन पिछले पांच दिनों से बीएसएनएल की लचर व्यवस्था के कारण मशीन नहीं चल पा रही है. इस कारण व्यवसायियों सहित आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बैंक मोड़ चेंबर के प्रमोद गोयल ने बताया कि व्यवसायी मशीन लेकर परेशान हैं. लचर नेटवर्क के कारण ट्रांजेक्शन नहीं हो पा रहा है. इसे अविलंब दूर करना चाहिए.
108 की जगह मिली मात्र 28 मशीन
पुराना बाजार में पिछले दिनों बैंक की ओर से 108 की जगह 28 लोगों को ही इ-पोस मशीन दी गयी है. इसे लेकर व्यवसायी खासे परेशान हैं. व्यवसायियों का कहना है कि प्रधान मंत्री जी ने दिसंबर तक कैशलेस की बात कही है, तो इतने कम दिनों में यह कैसे हो पायेगा.