साढ़े छह लाख खातों की रेंडम जांच

धनबाद: नोटबंदी के बाद धनबाद जिले में जन-धन खातों में किसी ने बड़ा निवेश नहीं किया है. अभी तक एक भी जन-धन खाताधारी के खाते में एक लाख या इससे अधिक रुपये जमा होने का पता नहीं चला है. अब आयकर विभाग कालाधन को विभिन्न तरीकों से व्हाइट करने वाले बड़े कारोबारियों, बैंक अधिकारियों, डॉक्टरों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2016 8:46 AM
धनबाद: नोटबंदी के बाद धनबाद जिले में जन-धन खातों में किसी ने बड़ा निवेश नहीं किया है. अभी तक एक भी जन-धन खाताधारी के खाते में एक लाख या इससे अधिक रुपये जमा होने का पता नहीं चला है. अब आयकर विभाग कालाधन को विभिन्न तरीकों से व्हाइट करने वाले बड़े कारोबारियों, बैंक अधिकारियों, डॉक्टरों पर नजर लगाये हुए है.

आयकर विभाग के अधिकृत सूत्रों के अनुसार धनबाद जिले में कई बैंकों में जन-धन खातों की औचक जांच की गयी. धनबाद जिले में लगभग साढ़े छह लाख जन-धन खाता खुले है.

आयकर अधिकारियों के अनुसार सभी खातों की जांच संभव नहीं है. बैंकों में जन-धन खातों की रेंडम जांच करायी गयी. साथ ही बैंकों से ऐसे जन-धन खाताधारकों की जानकारी मांगी गयी जिनके खाता में 50 हजार से ज्यादा राशि जमा हुई है. अभी तक एक भी खाते में बड़े पैमाने पर राशि जमा होने की बात सामने नहीं आयी है.

सरकार को सूचना मिली थी कई धनाढ्यों व नक्सलियों ने जन-धन खाता में बड़े पैमाने पर राशि जमा की है. इसके बाद आयकर विभाग को जांच के लिए कहा गया था.
नोट बदलने वालों की तलाश : सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग को जानकारी मिली है कि धनबाद के कई बड़े उद्योगपतियों ने बड़े पैमाने पर एक हजार, पांच सौ के पुराने नोटों को गलत तरीके से एक्सचेंज करवाया है. कोलकाता जा कर नोट बदलने वालों के बारे में खुफिया जानकारी एकत्रित की जा रही है. आयकर विभाग का पूरा फोकस अब नये करेंसी नोट स्टोर करने वालों पर है.
नोटबंदी के लिए मासस ने पीएम पर साधा निशाना
धनबाद. मार्क्सवादी समन्वय समिति की जिला कमेटी की बुधवार को हुई बैठक में नोटबंदी के कारण सौ लोगों की हुई मौत और देश भर में लोगों की हो रही परेशानी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेवार ठहराया गया. बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष हरि प्रसाद पप्पू ने की. बैठक को संबोधित करते हुए पप्पू ने कहा कि पीएम मोदी एवं उनकी अपरिपक्व सलाहकार समिति ने बगैर किसी तैयारी के नोटबंदी करके पूरे देश में अस्थिरता, हंगामा एवं व्यापारिक मंदी को विकसित किया. महंगाई एवं बेरोजगारी तथा बीमा सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण सवालों को इस शोर-शराबे में बुरी तरह कुचल दिया. अपनी असफलता छुपाने के लिए मोदीजी ने खुद पार्लियामेंट का बहिष्कार कर दिया. बैठक में तीन जनवरी को श्यामल चक्रवर्ती का शहादत दिवस मनाने एवं 18 दिसंबर को बिनोद बिहारी महतो की पुण्यतिथि के मौके पर स्टेशन रोड स्थित बिनोद बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने तथा 15 दिसंबर को जन संघर्ष मोरचा द्वारा आयोजित लोदना एरिया में कार्यालय के समक्ष आम सभा को सफल बनाने का निर्णय लिया गया. बैठक में पवन महतो, सुभाष प्रसाद सिंह, धीरेन मुखर्जी, सुभाष चटर्जी, बिंदा पासवान, शीतल हेम्ब्रम, भूषण महतो, गणेश महतो, हरेमुरारी महतो, राम प्रवेश यादव, संतोष रवानी, राजेश विरूआ, राणा चट्टराज, देवेन प्रमाणिक, अशोक पासवान, पप्पू पासवान सहित अन्य लोग मौजूद थे.

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