आतंक. जम्मू-कश्मीर में सेना के कािफले पर हमला
जम्मू/धनबाद : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के पंपोर में शनिवार को हुए आतंकी हमले में जियलगोरा (धनबाद) के 21 वर्षीय शशिकांत पांडेय समेत सेना के तीन जवान शहीद हो गये. हमले में तीन लोग घायल भी हुए हैं. शनिवार की दोपहर पंपोर इलाके में श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे पर आतंकियों ने सेना के वाहनों को निशाना बना कर गाेलीबारी की. हमला उस वक्त किया, जब जम्मू से सैन्यकर्मियों को लेकर सैन्य वाहनों का काफिला बादामी बाग स्थित सैन्य छावनी जा रहा था. इसी दौरान कदलबल चौक के पास आम लोगों की भीड़ में से करीब दो से-तीन आतंकियों ने हमला कर दिया. गोलियों की आवाज सुनते ही पुलिस व सीआरपीएफ के जवान भी मौके पर पहुंचे. तब तक आतंकी भाग निकले थे. अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेेदारी नहीं ली है.
बाइक पर सवार थे आतंकी : सेना के सूत्रों के मुताबिक नेशनल हाइवे से सेना का काफिला बस से गुजर रहा था. इस दौरान बाइक सवार करीब दो से तीन आतंकियों ने जवानों से भरी इस बस पर फायरिंग की. मालूम हो कि इसी साल अक्तूबर में पंपोर में ही सेना ने तीन दिनों तक चले मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया था. आतंकी यहां के इडीअाइ बिल्डिंग में छिपे थे. यह ऑपरेशन काफी पेचीदा था क्योंकि बल्डिंग बहुत बड़ी थी. करीब 60 कमरे थे.
सर्च ऑपरेशन : हमले के बाद पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है, जो देर शाम तक जारी था. Â बाकी पेज 19 पर
पंपोर में धनबाद का…
सूत्रों के मुताबिक जिस बाइक से आतंकियों ने वारदात को अंजाम दिया है, वो उनकी नहीं है. पूरे क्षेत्र में आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान शुरू किया गया है.
पेंटागन का दावा : पाक में तालिबानी नेटवर्क बरकरार
वाशिंगटन. पेंटागन ने कहा है कि तालिबान व हक्कानी नेटवर्क जैसे अफगानिस्तान केंद्रित आतंकी समूहों ने पाकिस्तानी सरजमीन से सरगर्मियां चलाने की आजादी बरकरार रखी है. अमेरिका ने साफ लफ्जों में पाकिस्तान से आतंकी संगठनों के पनाहगाह खत्म करने को कहा था. रिपोर्ट के अनुसार हक्कानी नेटवर्क के खतरों को दूर करने का कोई अनवरत पाकिस्तानी प्रयास नहीं दिखता है. अफगानिस्तान व पाकिस्तान की सरहद के इलाकों में सक्रिय संगठनों में तालिबान, अल-कायदा, एक्यूआइएस, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, आइएसआइएल-के और इसलामिक मूवमेंट ऑफ उजबेकिस्तान शामिल हैं.
शशिकांत पांडेय (फाइल फोटो)
किया था सतर्क : खुफिया एजेंसियों ने आशंका व्यक्त की थी कि घाटी समेत देश के कुछ हिस्सों में 26 जनवरी से पहले आतंकी लगातार कुछ वारदातों को अंजाम दे सकते हैं. इस दौरान सुरक्षा बलों समेत सभी राज्यों के पुलिस बल को सतर्क रहने की बात कही गयी है.
जियलगोरा के रहने वाले थे 21 साल के शशिकांत
शशिकांत धनबाद जिले के जोड़ापोखर थाना क्षेत्र अंतर्गत जियलगोरा पोस्ट ऑफिस के समीप रहने वाले राजेश्वर पांडेय के पुत्र थे. वर्ष 2013 में उनकी आर्मी में बहाली हुई. शशिकांत के बड़े भाई श्रीकांत पांडेय सीआरपीएफ धनबाद के प्रधानखंटा में पोस्टेड हैं. पांडेय परिवार मूलत: बिहार के मोतिहारी जिले के गोविंदगंज थाना अंतर्गत बभनौली गांव का वाशिंदा है. कश्मीर से सेना के एक वरीय अफसर ने राजेश्वर पांडेय को उनके पुत्र शशिकांत के शहीद होने की सूचना दी.
बेटे की शहादत पर पिता राजेश्वर पांडेय को गर्व
शशिकांत की मां ललिता देवी शुक्रवार को ही पैतृक गांव मोतिहारी गयीं हैं. भाभी व छोटी बहन सिंधु समेत अन्य का रो-रो कर बुरा हाल है. शशिकांत दो भाई व दो बहन थे. बड़ी बहन रिंकू की शादी हो चुकी है. शशिकांत ने जोड़ापोखर ज्ञान भारती स्कूल से मैट्रिक व आरएसपी कॉलेज से इंटर पास किया था. पिता का कहना है कि शशिकांत की प्रोन्नति होनेवाली थी. उसने अफसर बनने के लिए परीक्षा दी थी. बेटे की शहादत पर पिता को गर्व है. सरकार की नीति से पिता खफा हैं. पिता का आरोप है कि सैनिक शहीद हो रहे हैं और केंद्र सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.
राजकीय सम्मान के साथ होगी अंत्येष्टि : धनबाद के एसएसपी मनोज रतन चोथे ने शहीद के पिता से फोन पर बात कर ढांढ़स बंधाया. जिला पुलिस शहीद सैनिक की अंत्योष्टि राजकीय सम्मान के साथ करेगी. सिंदरी डीएसपी विकास कुमार पांडेय, जोड़ापोखर थानेदार जयकृष्ण पुलिस बल के साथ शहीद के घर पर जमे हुए हैं. शहीद के परिजनों को ढाढ़स बंधा रहे हैं.
हाफिज की धमकी : नसीहत युद्ध की घोषणा जैसी
लाहौर. जमात उद दावा प्रमुख व मुंबई आतंकी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता हाफिज सईद ने गीदड़ भभकी दी है कि वह भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह की उस टिप्पणी को ‘युद्ध की घोषणा’ मानता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि पाकिस्तान आतंक पर काबू नहीं पाता है, तो वह खुद दस टुकड़ों में विभाजित हो जायेगा.
हालांकि, भारत की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी. लाहौर में एक रैली में सईद ने कहा कि हम राजनाथ सिंह के बयान को युद्ध की घोषणा मानते हैं और उसे स्वीकार करते हैं.