विधायक ढुलू महतो ने पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो पर लगाया आरोप, नोटबंदी के दौरान खरीदी करोड़ों की जमीन

धनबाद: बाघमारा के भाजपा विधायक ढ़ुलू महतो ने राज्य के पूर्व मंत्री एवं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो पर नोटबंदी के दौरान चार से पांच करोड़ रुपये की जमीन की रजिस्ट्री कराने का आरोप लगाया है. गुरुवार को यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ढुलू महतो ने कहा कि वह पूरे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2016 7:34 AM
धनबाद: बाघमारा के भाजपा विधायक ढ़ुलू महतो ने राज्य के पूर्व मंत्री एवं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो पर नोटबंदी के दौरान चार से पांच करोड़ रुपये की जमीन की रजिस्ट्री कराने का आरोप लगाया है.
गुरुवार को यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ढुलू महतो ने कहा कि वह पूरे मामले की जांच केंद्र एवं राज्य की एजेंसियों से करायेंगे. उन्होंने कहा कि शिवनंदन कमार की तीन एकड़, 82 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री नोटबंदी के दौरान 19 दिसंबर, 16 को रजिस्ट्री करायी. जमीन महुदा थाना क्षेत्र के सिगड़ा मौजा की है. उक्त जमीन की सरकारी दर 43 लाख, 67 हजार रुपये है. जबकि चार से पांच करोड़ रुपये दिये गये. इतने पैसे कहां से आये? खुद गलत करते हैं और दूसरे पर आरोप लगाते हैं. अपने को ईमानदार कहने वाले जलेश्वर बतायें कि इतने पैसे उनके पास कहां से आये? काला धन से यह भुगतान हुआ है?
विधायक महतो ने कहा कि उक्त जमीन कालाचंद कमार एवं शिवनंदन कमार की है. शिवनंदन से उन्होंने रजिस्ट्री करा ली और अब कालाचंद पर भी दबाव बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराने के लिए उन्हें जहां भी जाना पड़ेगा, वे जायेंगे. आज ही वह केंद्रीय एवं राज्य की एजेंसी से जांच के लिए पत्र लिख रहे हैं.
मौके पर उपस्थित कालाचंद कमार ने कहा कि उन्होंने इस डीड को रद्द करने के लिए जिला अवर निबंधक को आवेदन दिया है. सिंगड़ा मौजा अंतर्गत खाता नंबर 27, प्लॉट नंबर 64, 65, 66, 73, 74, 75, 76 और 80 है. उक्त जमीन हमलोगों की इजमाइल जमीन है जिसे शिवंनदन कमार तथा चारू वाला देवी ने मिलकर रजिस्ट्री करा दी. उन्होंने कहा कि इंसाफ के लिए विधायक से गुहार लगायी है.
जलेश्वर बोले : चलनी चला सूप पर हंसने
इधर मामले में पूर्व मंत्री एवं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा : चलनी चला है, सूप पर हंसने. उक्त जमीन रवि महतो स्मारक शिक्षा एवं स्वास्थ्य विकास समिति के नाम से रजिस्ट्री करायी गयी है. जमीन की राशि का भुगतान बैंक के जरिये किया गया है. बस, इतना ही कहना है. वे जहां जांच कराना चाहते हैं, करा लें.

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