लखनऊ में इंटक का कार्यालय को बेच दिया, जिस पर आज मॉल बन गया. उनके चलते इंटक की सदस्यता में भारी कमी आ गयी. सदस्यता सत्यापन के लिए लिए जो सदस्यता संख्या जमा किया है, वह भी फरजी है, उन्होंने कहा कि श्रम मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी के आदेश से इंटक की सदस्यता सत्यापन रुक गयी है. श्रम मंत्रालय ने इंटक को सभी कमेटियों से बाहर कर दिया है.
दुबे ने कहा कि 20 जनवरी को दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा. मौके पर एनजी अरुण, कालीचरण यादव, आरएन चौबे, सुरेंद्र कुमार पांडेय आदि मौजूद थे.