सोनिया-राहुल के हस्तक्षेप से ही इंटक में समझौता संभव : ददई
धनबाद: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप से ही इंटक में समझौता संभव है, वरना समझौते की कोई गुंजाइश ही नहीं है. संजीवा रेड्डी ने राजेंद्र सिंह, एसक्यू जामा और अशोक सिंह के साथ मिलकर इंटक को बरबाद कर दिया. आज इंटक नबंर दो पर आ गयी है. यह कहना है […]
धनबाद: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप से ही इंटक में समझौता संभव है, वरना समझौते की कोई गुंजाइश ही नहीं है. संजीवा रेड्डी ने राजेंद्र सिंह, एसक्यू जामा और अशोक सिंह के साथ मिलकर इंटक को बरबाद कर दिया. आज इंटक नबंर दो पर आ गयी है. यह कहना है इंटक(ददई गुट) के अध्यक्ष ददई दुबे का. बुधवार को वह स्थानीय परिसदन में पत्रकारों से बात कर रहे थे. दुबे ने कहा कि रेड्डी ने मजदूरों काे चूसने का काम किया. राजेंद्र सिंह, जामा और अशोक सिंह के माध्यम से पैसा कमाया.
लखनऊ में इंटक का कार्यालय को बेच दिया, जिस पर आज मॉल बन गया. उनके चलते इंटक की सदस्यता में भारी कमी आ गयी. सदस्यता सत्यापन के लिए लिए जो सदस्यता संख्या जमा किया है, वह भी फरजी है, उन्होंने कहा कि श्रम मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी के आदेश से इंटक की सदस्यता सत्यापन रुक गयी है. श्रम मंत्रालय ने इंटक को सभी कमेटियों से बाहर कर दिया है.
दुबे ने कहा कि 20 जनवरी को दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा. मौके पर एनजी अरुण, कालीचरण यादव, आरएन चौबे, सुरेंद्र कुमार पांडेय आदि मौजूद थे.