इंसीनिरेटर से बायोवेस्ट डिस्पोजल शुरू

धनबाद: सेंट्रल अस्पताल का अपना इंसीनिरेटर प्लांट स्थापित हो गया है. यहां हर दिन बायोवेस्ट डिस्पोजल होने भी लगा है. लंबे समय के बाद मशीन को स्थापित किया जा सका है. इससे पहले बायोवेस्ट डिस्पोजल के लिए बरवाअड्डा ले जाया जाता था. इंसीनिरेटर नहीं होने के कारण कई बार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने अस्पताल प्रबंधन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2017 8:43 AM

धनबाद: सेंट्रल अस्पताल का अपना इंसीनिरेटर प्लांट स्थापित हो गया है. यहां हर दिन बायोवेस्ट डिस्पोजल होने भी लगा है. लंबे समय के बाद मशीन को स्थापित किया जा सका है. इससे पहले बायोवेस्ट डिस्पोजल के लिए बरवाअड्डा ले जाया जाता था. इंसीनिरेटर नहीं होने के कारण कई बार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश भी दिया था. इधर, इंसीनिरेटर के मामले में सेंट्रल अस्पताल अब एकलौता अस्पताल बन गया है, जहां बायोवेस्ट डिस्पोजल की मुकम्मल व्यवस्था की गयी है. ज्ञात हो कि पहले भी सेंट्रल अस्पताल का इंसीनिरेटर था, लेकिन वह खराब हो गया था. नये स्तर से अब यह प्लांट लगाया गया है.

एक घंटे में 50 किलो डिस्पोजल कैपिसिटी : इंसीनिरेटर से एक घंटे में 50 किलोग्राम बायोवेस्ट डिस्पोजल करने की कैपिसिटी है. अस्पताल प्रभारी डॉ एस गोलाश ने बताया कि इसमें डबल चेंबर लगे हैं. इस कारण डिस्पोजल करने की कैपिसिटी बेहतर है. इंसीनिरेटर आधुनिक मशीनों से लैस है. चिमनी की उंचाई सौ फुट है. यह धुआं रहित भी है. जिससे प्रदूषण या अन्य की कोई शंका भी नहीं है.

पीएमसीएच सहित अन्य अस्पतालों में सुविधा नहीं

पीएमसीएच सहित जिले के नर्सिंग होम व निजी अस्पतालों में बायोवेस्ट की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है. पीएमसीएच में लंबे समय से इंसीनिरेटर बंद पड़ा है. शहर के कई बड़े अस्पतालों के साथ नर्सिंग होम जहां-तहां खुले में बायोवेस्ट जला देते हैं. पीएमसीएच में भी व्यवस्था नहीं होने के कारण खुले में जला दिया जाता है.

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