धरती के भगवान हैं डॉक्टर, लोगों की इस भावना की कद्र करें

झारखंड ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के 9वें वार्षिक सम्मेलन में बोलीं राज्यपाल धनबाद में जुटे देश के जाने-माने ऑर्थोपेडिक चिकित्सक धनबाद : भगवान जीवन के दाता व सांसों के स्वामी हैं. उन्हें किसी ने नहीं देखा. लेकिन लोग चलते-फिरते चिकित्सक को ही धरती का भगवान मानते हैं. ये बातें झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कही. वह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2017 4:51 AM

झारखंड ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के 9वें वार्षिक सम्मेलन में बोलीं राज्यपाल

धनबाद में जुटे देश के जाने-माने ऑर्थोपेडिक चिकित्सक
धनबाद : भगवान जीवन के दाता व सांसों के स्वामी हैं. उन्हें किसी ने नहीं देखा. लेकिन लोग चलते-फिरते चिकित्सक को ही धरती का भगवान मानते हैं. ये बातें झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कही. वह शनिवार को कोयला नगर स्थित सामुदायिक भवन में झारखंड ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के 9वें वार्षिक सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि चिकित्सक लोगों की इस भावना की कद्र करते हुए उनके इस विश्वास को बनाये रखें. चिकित्सक लोगों को जीवन देने वाले हैं और लोगों के दिलों में उनके प्रति स्नेह बना रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह झारखंड के लोगों में विटामिन डी की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखूंगी.
इससे पूर्व राज्यपाल, विशिष्ट अतिथि आइआइटी (आइएसएम) के निदेशक डीसी पाणिग्रही, एसोसिएशन के अध्यक्ष डीपी भूषण, सचिव डॉ मंजीत सिंह संधू, आयोजन समिति के डॉ संजय जैन, डॉ मुकेश प्रसाद व डॉ एनडी कच्छप ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन की शुरुआत की. श्री पाणिग्रही ने शॉ भेंट कर राज्यपाल का स्वागत किया. इस दौरान झारखंड ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन की वार्षिक पुस्तक जुआकोन का विमोचन किया गया.
फ्रैक्चर की आधुनिक तकनीक की दी गयी जानकारी : सम्मेलन में ऑल इंडिया ऑर्थोपेडिक एसोसिशन के सचिव डॉ संजय जैन (जयपुर) समेत देश के विभिन्न शहरों से अाये 40 ख्यातिप्राप्त आर्थोपेडिक सर्जनों ने झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल से आये 250 ऑर्थोपेडिक चिकित्सकों के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए फ्रैक्चर के इलाज की अत्याधुनिक तकनीक की जानकारी दी. खासतौर पर पटना के डॉ जॉन मुखोपाध्याय व फोर्टिज कोलकाता के डॉ राकेश राजपूत शामिल थे. इस दौरान डॉक्टरों को देश-दुनिया में ऑर्थोपेडिक सर्जरी के बदलाव और उसके फायदों से अवगत कराया गया.
ये थे उपस्थित : डॉ मुकेश, डॉ विजय अग्रवाल, डॉ संजय कुमार, पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ अरुण कुमार, अधीक्षक आरके पांडेय, डॉ के विश्वास, आइएमए के एके सिंह के अलावा मुंबई से डॉ अजीत, कोलकाता से राकेश राजपूत, दुर्गापुर से निरझर जाजोडिया, साउथ से डॉ बी शिवशंकर, रोहतक (दिल्ली) से डॉ एनके मारू, जयपुर से डॉ अारसी मीना, जबलपुर से डॉ संजय जैन, पटना से राजेश, डॉ अनिल रॉव, डॉ राजन चौधरी आदि.
95 प्रतिशत लोगों में विटामिन डी की कमी : डॉ भूषण
झारखंड ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ डीपी भूषण ने कहा कि सम्मेलन में हमने बहुत सारी नयी तकनीकी जानकारी प्राप्त की है. कोलकाता, दिल्ली व मुंबई आदि शहरों में जो नयी तकनीक चल रही है, उसे यहां भी जल्द लागू किया जायेगा, ताकि यहां के लोगों को उसका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि 95 प्रतिशत लोगों में विटामिन डी की कमी है. जिसका इलाज भी काफी सस्ता है. मात्र 200 रुपये की दवा खा कर इसे दूर किया जा सकता है, लेकिन इसका टेस्ट महंगा होने के कारण लोग इसकी जांच तक नहीं कराते हैं. जबकि विटामिन डी की कमी को पूरा कर बहुत सारी बीमारियों को खत्म किया जा सकता है.
जंक फूड से करें परहेज : डॉ राजपूत
कोलकाता के प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक चिकित्सक डॉ राकेश राजपूत ने कहा कि जंक फूड से हमें परहेज करना चाहिए. जंक फूड के सेवन से हड्डी रोग से संबंधित बीमारी बढ़ जाती है. जंक फूड में शरीर के लिए आवश्यक पोषण तत्वों की कमी होती है, बावजूद धड़ल्ले से लोग इसका सेवन करते है. जो आगे चल कर हड्डियों में समस्या उत्पन्न करता है. व्यायाम नहीं करना भी हड्डी रोग को आमंत्रित करने जैसा है. इसलिए सभी को दिन में कम से कम एक घंटा व्यायाम अवश्य करना चाहिए. इससे न सिर्फ हड्डी, बल्कि पाचन तंत्र, नर्वस सिस्टम, हार्ट व मांसपेशिया आदि को भी लाभ मिलता है. उन्होंने मोटापे को भी हड्डी रोग का प्रमुख कारण बताया. कहा कि अधिक वजन होने से घुटने पर अधिक बोझ पड़ता है, जिस कारण आगे चल कर ज्वाइंट रिपलेस्मेंट तक कराना पड़ता है.

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