धनबाद : प्रदर्शन के बाद यूनियन की ओर से एक ज्ञापन सौंपकर मजदूरों की समस्या का निराकरण करने की मांग की. मौके पर असंगठित मजदूर मोरचा के महामंत्री निताई महतो ने कहा कि सेल चासनाला, जीतपुर, पर्वतपुर कोलियरी की खदानों में करीब 1500 से 2000 ठेका मजदूर 15 वर्षों से काम कर रहे हैं. बीसीसीएल की खुली खदान, रेलवे साइडिंग, वाशरी, ट्रक लोडिंग का कार्य स्थायी प्रकृति का होने के बावजूद ठेका मजदूरों से कराया जा रहा है. वहीं वेतन नियमित कर्मियों की तरह नहीं मिल रहा है.
मासस के केंद्रीय महामंत्री हलधर महतो ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्तूबर 2016 को ही ठेका मजदूरों के हक में फैसला सुनाते हुए समान काम का समान वेतन देने का फैसला सुनाया था. इसके बावजूद मजदूरों को कम राशि दी जा रही है. मौके पर मासस के जिलाध्यक्ष हरिप्रसाद पप्पू, संजय सिंह, हरे मुरारी महतो, एएम पाल, सुजीत सिंह, सिकंदर अंसारी, सुरेंद्र सिंह, नगीना प्रसाद, नागेंद्र सिंह, असगर अंसारी सहित बड़ी संख्या में असंगठित मजदूर उपस्थित थे.
लाल मैदान से निकली साइकिल रैली
इससे पूर्व असंगठित मजदूरों ने नारेबाजी करते हुए सुदामडीह स्थित लाल मैदान से साइकिल रैली निकाली, जो विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए केंद्रीय उप श्रमायुक्त कार्यालय पर पहुंची. यहां दो घंटे तक प्रदर्शन के बाद मांग पत्र सौंपते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कराने की मांग की.