कभी बनाते थे डिजाइनिंग ज्वेलरी
धनबाद: ब्रांडेड ज्वेलरी की चमक-धमक के आगे कोयलांचल का पुश्तैनी कारोबार चौपट हो गया है. लाखों की कमाई हजारों में सिमट कर रह गयी है. 90 के दशक में कभी यह डिजाइनर कारीगर हुआ करते थे. इनके डिजाइन के लोग कायल होते थे. लेकिन, आज यह सिर्फ आभूषण जोड़ते हैं. धनबाद में लगभग 200 के […]
धनबाद: ब्रांडेड ज्वेलरी की चमक-धमक के आगे कोयलांचल का पुश्तैनी कारोबार चौपट हो गया है. लाखों की कमाई हजारों में सिमट कर रह गयी है. 90 के दशक में कभी यह डिजाइनर कारीगर हुआ करते थे. इनके डिजाइन के लोग कायल होते थे.
लेकिन, आज यह सिर्फ आभूषण जोड़ते हैं. धनबाद में लगभग 200 के आसपास ज्वेलरी की दुकानें हैं. 15-20 दुकानें ब्रांडेड ज्वेलरी की है. शेष 180 दुकानों में मेरठ, दिल्ली, मुंबई व कोलकाता का रेडीमेड आभूषण होता है. यही नहीं रेडीमेड आभूषण में माह दो माह का क्रेडिट भी दुकानदारों को मिलता है.
लिहाजा कारीगरों को कौन पूछे. धनबाद कोयलांचल में लगभग 150 परिवार इस धंधे से जुड़े हैं. बाजार में घटती मांग को देखते हुए कुछ कारीगर दूसरे कारोबार की ओर रुख करने लगे हैं.