पूर्व थानेदार संतोष रजक की अग्रिम बेल खारिज
धनबाद: चमड़े से लदे ट्रक चालक को जान मारने की नीयत से गोली मार कर जख्मी करने व रुपये लेने के मामले में आरोपित हरिहरपुर थाना के तत्कालीन प्रभारी संतोष कुमार रजक की ओर से दायर अग्रिम जमानत अरजी पर सुनवाई बुधवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुजनाथ की अदालत में हुई. जमानत की […]
धनबाद: चमड़े से लदे ट्रक चालक को जान मारने की नीयत से गोली मार कर जख्मी करने व रुपये लेने के मामले में आरोपित हरिहरपुर थाना के तत्कालीन प्रभारी संतोष कुमार रजक की ओर से दायर अग्रिम जमानत अरजी पर सुनवाई बुधवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुजनाथ की अदालत में हुई. जमानत की अरजी खारिज की गयी. अदालत में सीआइडी की ओर से केस डायरी प्रस्तुत किया गया. अदालत में बचाव पक्ष से अधिवक्ता राधेश्याम गोस्वामी ने बहस की, जबकि अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक टीएन उपाध्याय ने जमानत का जोरदार विरोध किया.
क्या है मामला : 16 जून 16 को ढाई बजे रात मो नाजीम ट्रक पर चमड़ा लोड कर जा रहा था. जब उसका ट्रक राजगंज थाना क्षेत्र जीटी रोड के समीप पहुंचा तो संतोष रजक ने ट्रक को रोकने का प्रयास किया. जब ट्रक नहीं रुका तो काले रंग की स्कॉर्पियो से पीछा कर चालक को गोली मार कर जख्मी कर दिया. इलाज के लिए उसे पीएमसीएच लाया गया, जहां से डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए उसे दुर्गापुर मिशन अस्पताल भेज दिया. घटना के बाद मो जाकीर ने राजगंज थना में संतोष कुमार रजक के खिलाफ कांड संख्या 27/16 भादवि की धारा 379, 307 व आर्म्स एक्ट की धारा 27 दर्ज कराया.
मारपीट में छह आरोपितों को तीन वर्ष की कैद
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सोलह धनंजय कुमार की अदालत ने बुधवार को मारपीट के एक मामले में अपना अहम फैसला सुनाते हुए झरिया निवासी अजय सिंह, अनिल सिंह व अन्य चार आरोपितों को भादवि की धारा 325 में दोषी पाकर तीन वर्ष की कैद व दो हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. फैसला सुनाये जाने के वक्त अपर लोक अभियोजक ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने सजा के बिंदु पर बहस की. अदालत ने बाद में सजायाफ्ताओं को झारखंड उच्च न्यायालय में क्रिमिनल अपील याचिका दायर करने के लिए अंश कालिक जमानत दे दी. वर्ष 2007 में होली के दिन मटका फोड़ने के दौरान वहां खड़ी आशा देवी को अनिल सिंह, अजय सिंह व अन्य चार लोगों ने उसके साथ मारपीट की, जिसके कारण उसका हाथ टूट गया. घटना के बाद उसने झरिया थाना में छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी. केस विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक श्री सिंह ने सात गवाहों का मुख्य परीक्षण कराया था.
ठगी करने वाले जैन बंधुओं की जमानत खारिज
ज्वाला कोक प्राइवेट लिमिटेड से लाखों रुपये का कोयला लेकर बकाया राशि का 20 लाख रुपये की ठगी करने के मामले में आरोपित जेल में बंद बालीगंज (कोलकाता) के विनय पटनी उर्फ जैन व विवेक पटनी उर्फ जैन की ओर से दायर जमानत अरजी पर सुनवाई बुधवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में हुई. अदालत में बचाव पक्ष से अधिवक्ता शहनबाज ने बहस की, जबकि अभियोजन की ओर से सहायक लोक अभियोजक मो जब्बाद हुसैन ने जमानत का जोरदार विरोध किया. अदालत ने जमानत अरजी को खारिज कर दिया. बैंकमोड़ पुलिस ने जैन बंधुओं को कोलकाता से गिरफ्तार कर 15 फरवरी 17 को अदालत में पेश किया था. जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. रतनजी रोड पुराना बाजार के रहनेवाले प्रकाश कुमार अग्रवाल जो ज्वाला कोक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं, ने एक सितंबर 16 को जैन बंधुओं के खिलाफ बैंक मोड़ थाना में कांड संख्या 166/16 दर्ज कराया था.
विधायक ढुलू के दो मामलों में हुई सुनवाई
सहायक अवर निरीक्षक अरुण कुमार शर्मा के साथ दुर्व्यवहार व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई बुधवार को अवर न्यायाधीश सप्तम एसपी ठाकुर की अदालत में हुई. अदालत में बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो गैरहाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ललन किशोर प्रसाद ने दंप्रसं की धारा 317 का आवेदन दायर किया. अरुण कुमार शर्मा के मामले में अभियोजन की ओर से सहायक लोक अभियोजक हरेश कुमार राम ने बहस की. इस मामले में आरोपितों ने 15 सितंबर 10 को घटना को अंजाम दिया था. अभियोजन ने केस विचारण के दौरान आठ साक्षियों का मुख्य परीक्षण कराया था. दूसरा मामला बाघमारा हीरक रोड के पास डंपर संख्या जेएच 9एफ-0795 के धक्का से वकील महतो नामक व्यक्ति की मौत घटना स्थल पर हो गयी थी. उसी के विरोध में ढुलू महतो के समर्थकों ने दरोदा मोड़ के पास सड़क जाम कर अवागमन बाधित कर सरकारी काम में बाधा पहुंचाया था.