मनमाना फीस नहीं बढ़ा सकते निजी स्कूल : डीएसइ

धनबाद: निजी स्कूल प्रबंधन मनमाने ढंग से फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकते. किसी स्कूल को घाटा हो रहा हो तो फीस बढ़ा सकते हैं, लेकिन उन्हें उसका पूरा हिसाब-किताब भी देना होगा. फीस की बढ़ोतरी सरकार के नियमावली के मुताबिक ही संभव है. ये बातें डीएसइ एवं आरटीइ के नोडल पदाधिकारी विनीत कुमार ने कही. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2017 9:01 AM
धनबाद: निजी स्कूल प्रबंधन मनमाने ढंग से फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकते. किसी स्कूल को घाटा हो रहा हो तो फीस बढ़ा सकते हैं, लेकिन उन्हें उसका पूरा हिसाब-किताब भी देना होगा. फीस की बढ़ोतरी सरकार के नियमावली के मुताबिक ही संभव है. ये बातें डीएसइ एवं आरटीइ के नोडल पदाधिकारी विनीत कुमार ने कही.

वह बुधवार को पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. आगे कहा कि निजी स्कूल प्रबंधनों को फीस कैश में नहीं लेना है. फीस का भुगतान कैशलेस में ही लेना है, चाहे नेट बैंकिंग, पीओएस मशीन से या किसी अन्य माध्यम से लें. इसके अलावा भी कई बिंदुओं पर आरटीइ एक्ट 2009 पर छह मार्च को होने वाली बैठक में चर्चा होगी. सरकार के सभी निर्देशों का अनुपालन सभी निजी स्कूलों को हर हाल में करना होगा. बैठक में किसी हाल में स्कूल प्रिंसिपल के प्रतिनिधि शामिल नहीं हो सकते हैं. प्रतिनिधि को सभागार में प्रवेश नहीं दिया जायेगा.

स्कूल बस किराया भी नहीं बढ़ेगा : डीएसइ श्री कुमार ने कहा कि निजी स्कूल अपने बस किराये में भी अपनी मरजी से बढ़ोतरी नहीं कर सकते हैं. स्कूल बस का रखरखाव निर्धारित मानकों के अनुरूप करना है. इसको देखते हुए बैठक में डीटीओ, स्कूल वैन एसोसिएशन, झारखंड अभिभावक महासंघ के भी प्रतिनिधियों को बुलाया जा रहा है.
निजी स्कूलों को देना होगा आय-व्यय का ब्योरा
डीएसइ ने कहा कि सभी निजी स्कूलों को अपने आय-व्यय का ब्योरा देना होगा. श्री कुमार ने कहा कि हर स्कूल प्रबंधन को अपने तीन साल का आय-व्यय का ब्योरा देना है. सभी स्कूल को राज्य सरकार से एफिलिएशन के लिए मिला एनओसी भी प्रस्तुत करना है. एनओसी की शर्तों का अनुपालन भी करना होगा.
नहीं बदल सकते हैं ड्रेस
डीएसइ ने कहा कि निजी स्कूल प्रबंधन कुछेक वर्षों या हर वर्ष में स्कूल ड्रेस में बदलाव नहीं कर सकते हैं. छोटे-मोटे बदलाव के साथ बुक्स भी हर साल नहीं बदल सकते हैं. सरकार के निर्देशानुसार स्कूल में एनसीइआरटी बुक्स ही लागू होंगे. निजी प्रकाशकों की पुस्तकें स्कूल में नहीं चलेंगी. निर्देश का अनुपालन नहीं करने पर संबंधित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई भी की जायेगी.

Next Article

Exit mobile version