धनबाद नगर निगम के तकनीकी एक्सपर्ट अनिल कुमार ने बताया कि 2017 में देश के पांच सौ शहरों में स्वच्छता का सर्वे चल रहा है. कुछ यूएलबी (नगर निकाय) में एक लाख तो कुछ में दस लाख की आबादी है. ऐसे में सभी शहरों को मिला कर स्वच्छता की रैंकिंग का पैमाना सही नहीं था. दस लाख आबादी वाले यूएलबी ने शहरी विकास मंत्रालय को लिखित शिकायत की थी. इसके आलोक में शहरी विकास मंत्रालय ने तीन कैटेगरी में रैंकिंग करने का निर्णय लिया है.
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अब 73 शहरों के साथ होगी धनबाद की स्वच्छता रैंकिंग
धनबाद: देश के 73 शहरों के साथ धनबाद की स्वच्छता की रैंकिंग होगी. शहरी विकास मंत्रालय ने पांच सौ शहरों को तीन केटेगरी में बांटा है. इनमें दस लाख से अधिक आबादी वाले 73 शहरों को ए सूची में रखा है. इसमें धनबाद शामिल है. जबकि पांच लाख से लेकर नौ लाख तक आबादी वाले […]
धनबाद: देश के 73 शहरों के साथ धनबाद की स्वच्छता की रैंकिंग होगी. शहरी विकास मंत्रालय ने पांच सौ शहरों को तीन केटेगरी में बांटा है. इनमें दस लाख से अधिक आबादी वाले 73 शहरों को ए सूची में रखा है. इसमें धनबाद शामिल है. जबकि पांच लाख से लेकर नौ लाख तक आबादी वाले शहरों को बी और एक लाख से चार लाख आबादी वाले शहर को सी कैटेगरी में रखा गया है. शनिवार को रांची में हुई 9 यूएलबी की उच्च स्तरीय बैठक में शहरी विकास मंत्रालय के प्रतिनिधि अनिल प्रकाश ने यह जानकारी दी.
15 मार्च को होगी स्वच्छता की रैंकिंग : 15 मार्च को स्वच्छता की रैंकिंग होगी. स्वच्छता एप अपलोड करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी है. 28 फरवरी के बाद स्वच्छता सर्वेक्षण को समाहित कर रैंकिंग तैयार की जायेगी. केटेगरी ए, बी व सी के आधार पर स्वच्छता की रैंकिंग होगी.
स्वच्छ सिटी को राज्य सरकार देगी पांच करोड़ : स्वच्छ सिटी को राज्य सरकार पांच करोड़ रुपये इनाम देगी. स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद राज्य सरकार अपने स्तर से सर्वेक्षण करायेगी. देश भर के पांच सौ शहरों में झारखंड के 9 नगर निकायों को शामिल किया गया है. राज्य सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण में नौ नगर निकाय के अलावा और 11 नगर निकाय को जोड़ा जायेगा. स्वच्छता तकनीकी विशेषज्ञ अनिल कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को स्वच्छ सिटी के लिए 14 करोड़ रुपये आवंटित किये है. झारखंड सरकार अपने स्तर से केटेगरी वाइज पुरस्कार देगी.
सब्सिडी पर मिलेगी मोबाइल कंपोस्टिंग मशीन : होटल, धर्मशाला व संस्थानों को सब्सिडी दर पर मोबाइल कंपोस्टिंग मशीन मिलेगी. श्री कुमार ने बताया कि सिंफर, आइएसएम व बीआइटी में गारबेज कंपोस्टिंग की व्यवस्था है. जबकि होटल, धर्मशाला में अब तक यह व्यवस्था नहीं की गयी है. ऐसे संस्थानों के लिए मोबाइल कंपोस्टिंग की व्यवस्था की जा रही है.
निगम लगायेगा बोटलिंग क्रशर मशीन : शहर के चौक-चौराहों पर बोटलिंग क्रशर मशीन लगेगी. राज्य सरकार के निर्देश पर निगम ने कवायद शुरू कर दी है. श्री कुमार ने बताया कि प्लास्टिक की बोतलों पर रोक के लिए जगह-जगह यह व्यवस्था की जा रही है. जो लोग बोटलिंग क्रशर मशीन का उपयोग करेंगे उन्हें कूपन मिलेगा. इसके माध्यम से किसी बड़े स्टोर से खरीदारी भी कर पायेंगे.
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