धनबाद के 362 बैंकों में लटका रहा ताला, 1000 करोड़ का कारोबार प्रभावित बैंक हड़ताल जिले में असरदार
धनबाद: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर जिले के सभी राष्ट्रीयकृत बैंक, स्टेट बैंक, सहकारी बैंक, ग्रामीण बैंक व निजी बैंकों की 362 शाखाएं बंद रहीं. इससे लगभग 1000 करोड़ का कारोबार प्रभावित रहा. हालांकि बैंक हड़ताल से एटीएम को अलग रखा गया था. लेकिन शाम होते ही अधिकतर एटीएम के शटर गिर […]
धनबाद: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर जिले के सभी राष्ट्रीयकृत बैंक, स्टेट बैंक, सहकारी बैंक, ग्रामीण बैंक व निजी बैंकों की 362 शाखाएं बंद रहीं. इससे लगभग 1000 करोड़ का कारोबार प्रभावित रहा. हालांकि बैंक हड़ताल से एटीएम को अलग रखा गया था. लेकिन शाम होते ही अधिकतर एटीएम के शटर गिर गये. बैंक यूनियन का दावा है कि हड़ताल पूर्णत: सफल रही.
नौ यूनियनों ने एक साथ निकाली रैली : यूएफबीयू के बैनर तले नौ बैंक यूनियनों ने सिंडिकेट बैंक से रैली निकाली. नेतृत्व यूएफबीयू के जिला संयोजक प्रभात चौधरी ने किया. रैली बैंक ऑफ इंडिया आंचलिक कार्यालय होते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया धनबाद शाखा पहुंची. यहां सभा की गयी. अध्यक्षता ईश्वर प्रसाद ने की. सभा को एआइबीओसी के दिवाकर झा, आलोक रंजन सिन्हा, राजेंद्र कुमार, राजकुमार श्रीवास्तव, एआइबीइए के एनके महाराज, सुनील कुमार, एसके विश्वास, एनके सिंह, एनसीबीइ के पीके मजुमदार, टीके मुखर्जी, बीइएफआइ के देवाशीष वैद्य, राजा घोष आदि ने संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन रवि सिंह ने किया.
नोटबंदी के समय कर्मियों के काम का मुआवजा दे सरकार : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टॉफ एसोसिएशन के सह सचिव पीके मजुमदार ने कहा कि विमुद्रीकरण के समय बैंक कर्मचारियों ने रात-दिन काम किया, जिसका मेहनताना आज तक नहीं मिला. सभा को टीके मुखर्जी, शाखा सचिव रवि सिंह एवं डिगवाडीह शाखा से सचिव अशोक रजक, अधिकारी संघ के सचिव आलोक सिन्हा, जेपी ठाकुर, दिवाकर झा, अजय सिन्हा, अशोक कुमार सिंह, रामा शंकर प्रसाद सिंह, सुरेश राम, संतोष रजक, दुर्गा राम आदि ने भी अपने विचार रखे.
प्रमुख मांगें : बैंकिंग एवं श्रम सुधारों पर रोक, ट्रेड यूनियन अधिकारों के हनन पर रोक, आउटसोर्सिंग पर रोक, ग्यारहवें वेतन पुनरीक्षण पर वार्ता की शुरुआत, कर्मचारी व अधिकारी निवेशकों की बहाली, ग्रेच्युटी सिलिंग की बढ़ोतरी, पेंशन में सुधार एवं नयी पेंशन नीति के बदले पुरानी पेंशन योजना की बहाली, केंद्र सरकार के अनुरूप अनुकंपा आधारित बहाली, समुचित संख्या में बैंकों में बहाली, पांच दिवसीय बैंकिंग, खराब ऋणों की वसूली के कारगर कदम, एच्छिक ऋण चूककर्ताओं के खिलाफ अापराधिक मुकदमा हो.