तीन दशक पुराने तेलमच्चो पुल में दरार, टूट सकता है धनबाद-बोकारो संपर्क

महुदा/चास : धनबाद-बोकारो को जोड़ने वाली दामोदर नदी पर बना तेलमच्चो पुल पर दरार आ गया है. रविवार की रात्रि इसकी सूचना पुलिस को लगी. रात्रि में ही महुदा पुलिस घटना स्थल पर पहुंचकर दरार की स्थति से वरीय अधिकारियों को अवगत कराया. जिसके बाद रात्रि में ही पुल से वाहनों के आवागन पर रोक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2017 9:08 PM

महुदा/चास : धनबाद-बोकारो को जोड़ने वाली दामोदर नदी पर बना तेलमच्चो पुल पर दरार आ गया है. रविवार की रात्रि इसकी सूचना पुलिस को लगी. रात्रि में ही महुदा पुलिस घटना स्थल पर पहुंचकर दरार की स्थति से वरीय अधिकारियों को अवगत कराया. जिसके बाद रात्रि में ही पुल से वाहनों के आवागन पर रोक लगा दिया गया.

सिर्फ चार चक्का वाहनों को आने जाने दिया जा रहा है. सुबह 8:30 बजे बोकारो विधायक विरंची नारायण पहुंचे. सुबह 9 बजे धनबाद डीसी ए.दोड्डे व बोकारो डीसी राय महिमापत रे तेलमच्चो ब्रीज पहुंचे और दोनों ओर से पुल पर भारी वाहन का परिचालन पूरी तरह से रोक देने का आदेश दिया. धनबाद डीसी के साथ धनबाद एसएसपी मनोज रतन चौथे भी मौजूद थे.
पता चला है कि देर रात किसी ने धनबाद एसएसपी को पुल के क्रेक होने की सूचना दी. रात को लगभग 12:00 बजे एसएसपी ने महुदा थानेदार जयगोविन्द नाथ मुंडा को पुल की स्थिति देखकर तत्काल पुल से पहले भारी वाहनों का परिचालन को डाइवर्ट करने का निर्देश दिया और इसकी सूचना बोकारो एसपी को भी दी गयी.
निर्देश मिलते ही महुदा थानेदार ने जांच कर लोहापद्टी मोड़ के समीप रात 1:00 बजे से बेरियर लगाकर भारी वाहनों का आवागमन चंद्रपुरा की ओर का दिया. डीसी श्री चौथे ने डीसी बोकारो की उपस्थिति में कहा कि पुल बहुत ज्यादा हिल रहा है. इसमें भारी वाहन का गुजरना खतरे से खाली नहीं. यह सचमुच खतरनाक स्थिति में है. तत्काल पुल के दोनों ओर आयरन के रॉड का बेरियर लगाया जायेगा ताकि कोई भी भारी वाहन पुल पर चढ़ न सके. जब तक पुल की मरम्मति नहीं हो जाती तब तक भारी वाहनों का परिचालन चंद्रपुरा व चंदनकियारी की ओर से होगा. वहीं बोकारो की ओर से धनबाद जाने वाली वाहनों को चंदनकियारी व चंद्रपुरा होकर जा रही है.
फिलहाल एनएचआइ की तकनीकी दल द्वारा पुल का जांच किया जा रहा है. इसके बाद ही कोई फैसला लिया जायेगा. पुल की क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिलते ही बोकारो डीसी राय महिमापत रे व धनबाद डीसी ए दौडे ने संयुक्त रूप से सोमवार को निरीक्षण किया. साथ में तकनीकी दल भी थे. हालांकि जांच के दौरान एनएचआइ के कोई भी अधिकारी निरीक्षण के समय नहीं पहुंच पाये थे. बोकारो डीसी श्री रे व धनबाद डीसी श्री दौडे ने राज्य मुख्यालय को सूचित कर दिया. तेलमोच्चो पुल में दरार की सूचना मिलते ही पथ निर्माण विभाग के सचिव ने एनएचआइ के मुख्य अभियंता नवीन कुमार को पुल जांच कर दोनो डीसी व राज्य मुख्यालय को जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
* वर्षों से खराब है पुल में लगा बेरिंग
एक दशक से कहीं अधिक समय से तेलमच्चो ब्रीज में लगा बेरिंग खराब पड़ा हुआ है. इसकी गंभीरता को एनएच व अब एनएचआइ के अधिकारियों ने समझा. परिणाम स्वरूप तेलामेच्चो पुल में दरार पड़ गयी है. फिलहाल धनबाद की ओर से तेलमच्चो पुल के तीन पीलर के बीच दरार पड़ गयी है. पुल पर चार चक्का जाने के क्रम में पुल हिलने लगता है. हालांकि पहले भी पुल हिला करता था. लेकिन अब पहले से कहीं अधिक हिल रहा है. इसके बाद धनबाद व बोकारो जिला प्रशासन सक्रिय हुआ. फिलहाल धनबाद व बोकारो जिला प्रशासन तकनीकी दल की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
* पुल के दोनों तरफ कर दिया गया है बेरिकेटिंग
बोकारो डीसी श्री रे के निर्देश पर चास मुफस्सिल पुलिस मिश्रा पेट्राल पंप के पास बेरिकेटिंग कर दिया गया है. ताकि भारी वाहन पुल पर नहीं जा सके. वहीं धनबाद डीसी को निर्देश पर तेलमच्चो पुल के पास बेरिकेटिंग करा दिया गया है. साथ ही लोगों की सहायता के लिए पुलिस जवानों को लगाया गया है. साथ ही धनबाद व बोकारो जिला प्रशासन पुल के दोनों तरफ बेरिकेटिंग लगाने का निर्देश एनएचआइ अधिकारियों को दिया है.
* प्लेट डाल कर भारी वाहनों को चलाने पर हो रहा है विचार
धनबाद डीसी व बोकारो डीसी को पुल का निरीक्षण करने के बाद एनएचआइ धनबाद प्रमंडल के तकनीकी दल ने पुल की जांच की. इसमें सभी ने कहा कि पुल का प्राक्कलन सही नहीं बना. सभी ने आपसी बातचीत में पुल का प्राक्कलन पर सवाल खड़ा किया. साथ ही एनएच के अधिकारियों से संपर्क कर पुल की डिजाइन की मांग की गयी.
तकनीकी दल में शामिल एक सदस्य ने कहा कि फिलहाल पुल के ऊपर 25 एमएम का 20 फीट प्लेट डाल देने से भारी वाहनों का आसानी से आवागमन हो सकता है. उन्होंने कहा कि बनारस में इसका प्रयोग किया जा चुका है. जो लगातार आठ माह से सफलता पूर्वक काम कर रहा है. दावा करते हुए कहा कि पीलर में कोई खराबी नहीं आयी है. तकनीकी दल में एनएचआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सत्येंद्र कुमार व अभियंता मनोज कुमार सहित अन्य लोग शामिल थे. फिलहाल समाचार लिखे जाने तक एनएचआइ की तकनीकी दल ने कोई फैसला नहीं लिया है. सभी एनएचआइ के मुख्य अभियंता के आने का इंतजार कर रहे थे.
* तीन दशक पुराना है तेलमच्चो पुल
धनबाद व बोकारो को जोड़ने वाली दामोदर नदी पर बना तेलमच्चो पुल वाहन परिचालन के लिए 1984 में खोला गया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार पुल बनने के बाद कभी भी बड़े स्तर पर पुल का मरम्मत कार्य नहीं किया गया है. मरम्मति के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति किया गया. जबकि पुल चालू होने के एक दशक के बाद ही पुल में लगा बेरिंग खराब हो गया था. एनएच को इस बात की जानकारी होने के बाद भी बेरिंग को ठीक करने का प्रयास नहीं किया गया. नतीजा आज तेलमच्चो पुल में दरार पड़ गया.
* प्रभात खबर ने पहले ही दी थी इसकी चेतावनी
प्रभात खबर की ओर से वर्ष 2016 में जर्जर तेलमच्चो पुल का समाचार प्रकाशित कर चुका था. साथ ही चेतावनी दी गयी थी कि कभी भी धनबाद-बोकारो का संपर्क टूट सकता है. इसके बाद भी संबंधित विभाग गंभीर नहीं हुआ. आज नतीजा सबके सामने है.
* बोकारो विधायक ने दिया आवश्यक दिशा निर्देश
बोकारो विधायक विरंची नारायण ने भी पुल का निरीक्षण किया. इस दौरान बोकारो डीसी व धनबाद डीसी को क्षतिग्रस्त पुल को उच्च स्तरीय तकनीकी दल से जांच कराने का निर्देश दिया. कहा कि मुख्यमंत्री को क्षतिग्रस्त पुल की वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है.
* पूल के सहारे ही बोकारो-धनबाद जिला का कारोबारी व निजी रिश्ता निभाया जा रहा है
।। सुनील तिवारी/राजूनंदन ।।
1984 में एकीकृत बिहार में निर्मित दामोदर पुल अंतिम सांस गिन रहा है. उस जमाने में बेहतर तकनीक से बना पूल वर्तमान में हर दिन कमजोर होता जा रहा है. 1991 में धनबाद जिला से अलग होकर बोकारो जिला का उदय हुआ. जिला का सीमा बनने के बाद दामोदर नदी पर स्थित तेलमच्चो पूल दोनों जिला के संबंध में सेतू का काम करते आ रहा है. पूल के सहारे ही दोनों जिला का कारोबारी व निजी रिश्ता निभाया जा रहा है. लेकिन, समय की मार ने रिश्तों के सेतू पर ग्रहण लगाने का काम किया है. तेलमच्चो पूल की स्थिति दयनीय दशा में पहुंच गयी है.
पूल का निर्माण वेलवेट सिस्टम पर हुआ था. पूल की वजन क्षमता 60 टन के करीब है. लेकिन, पूल से इससे अधिक वजन लोड कर गाडि़यां पार करती है. इसका खामियाजा पूल को उठाना पड़ रहा है. 2006 में पूल का बेरिंग खराब हो गया, जिसे अभी तक नहीं बनाया जा सका है. 2011 में भारत सरकार की ओर से मरम्मती के लिए 02 करोड़ रूपया की योजना आयी. लेकिन, प्राक्कलन एनएच विभाग से नहीं बनाया गया. नतीजा ढांक के वही तीन पात. ब्रिज में सुरक्षा पैमाने के लिए बना गार्ड वाल सिर्फ दिखावे के लिए रह गया है.
* 13 खंभा पर निर्मित पूल का गार्ड वाल है जर्जर
13 खंभा पर निर्मित पूल की गार्ड वाल की स्थिति दयनीय हो गयी है. कहीं-कहीं गार्ड वाल टूट कर गिर गया है. कहीं दरार पड़ गया है. 2015 में पूल पर वाटर प्रूफ पीच का काम किया गया था. अधिकारियों के मुताबिक पीच काम की आयु सीमा 5 वर्ष थी. लेकिन, एक साल के अंदर ही पीच रोड नदारद हो गयी. पूल पर दर्जनों गड्ढे बन गये. ड्रेन हॉल बंद हो गये. पानी पूल पर ही जम जाता है. पूल से होकर प्रदेश के कई मंत्री का आना जाना होता है. इसके अलावा आला अधिकारी भी पूल का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, किसी का ध्यान इस ओर नहीं जाता है.
* हर माह 10 अरब से अधिक का होता है व्यवसाय
पुल से बोकारो धनबाद के अलावा राज्य के जामताड़ा, दुमका, साहेबगंज, पाकुड़ आदि जिले जुड़ते हैं. साथ ही पूल धनबाद को राजधानी से जोड़ती है. इसके अलावा डाल्टनगंज, गढ़वा के रास्ते छत्तीसगढ़ जाने के लिए भी पूल का प्रयोग किया जाता है. बोकारो से स्टील व्यवसाय का बड़ा हिस्सा इसी रास्ते से होकर गुजरता है. वहीं धनबाद से कोकिंग कोल इसी पूल के रास्ते गुजरता है. हर माह इस पूल से लाखों टन कोयला व स्टील लेकर मालवाहक गुजरता है. हर माह 10 अरब से अधिक का व्यवसाय इस पूल के रास्ते होता है.
* पूल के सहारे बोकारो व धनबाद में संचार क्रांति
पूल के सहारे बोकारो व धनबाद में संचार क्रांति भी होती है. पूल के सहारे ही बीएसएनएल का लूप वायर केबल बोकारो से धनबाद जाती है. इसी के सहारे ही धनबाद में ब्रॉडबेंड चलता है. इसके अलावा भी कई निजी कंपनी का वायर सर्विस पूल के सहारे टीका है. उधर, पूल से दो राज्य की शक्तिपीठ जुड़ता है. रामगढ़ जिला के रजरप्पा में स्थित मां छिन्नमस्तिका व तारापुर, तारापीठ (पश्चिम बंगाल) स्थित मां तारा शक्तिपीठ का जुड़ाव इसी पूल से होता है. इसके अलावा चिड़का धाम सहित अन्य कई धार्मिक स्थल का रास्ता इस पूल से होकर गुजरता है.

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