वेस्ट मेटेरियल से ही भरी जा सकेगी खदान

धनबाद: आइआइटी आइएसएम, धनबाद के माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग द्वारा विकसित ड्राई कॉम्पैक्ट फिल (डीएफसी) तकनीक का शुक्रवार को संस्थान में डेमो प्रस्तुत किया गया. प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर डॉ धीरज कुमार ने बताया कि प्रोजेक्ट लीडर प्रो यूके सिंह एवं दूसरे को-ऑर्डिनेटर केएन पाल हैं. इस तकनीक से खदान को भरा जा सकता है, वो भी माइनिंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2017 8:19 AM
धनबाद: आइआइटी आइएसएम, धनबाद के माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग द्वारा विकसित ड्राई कॉम्पैक्ट फिल (डीएफसी) तकनीक का शुक्रवार को संस्थान में डेमो प्रस्तुत किया गया. प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर डॉ धीरज कुमार ने बताया कि प्रोजेक्ट लीडर प्रो यूके सिंह एवं दूसरे को-ऑर्डिनेटर केएन पाल हैं.

इस तकनीक से खदान को भरा जा सकता है, वो भी माइनिंग के दौरान आये वेस्ट मेटेरियलों से. यह एक प्रकार से बालू का विकल्प है, जिससे न केवल खदान को लाभ होगा, बल्कि नदी से खदान को भरने के लिए बालू की आवश्यकता नहीं होगी. इस तरह पर्यावरण के लिहाज से भी यह बहुत फायदेमंद है. एक तो नदी से बालू नहीं निकलेगा और दूसरा माइनिंग के दौरान आये वेस्ट मेटेरियल(आेबी) का बेस्ट यूज हो पायेगा, जिसे निबटाने की चिंता लगातार बनी रहती है. मौके पर बीएन पान, प्रो ओम प्रकाश समेत अन्य गण्यमान्य लोग मौजूद थे.

इन कंपनियों के प्रतिनिधि हुए शामिल
डेमो के दौरान बीसीसीएल, एसइसीएल, सीएमपीडीआइएल, सेल आदि के प्रतिनिधि मौजूद थे. उन्होंने तकनीक को सराहा और प्रस्ताव देने को कहा. प्रो धीरज कुमार ने बताया कि यह ट्रायल लैब में था. अब कंपनी से प्रस्ताव स्वीकृत होने और डीजीएमएस से सहमति मिलने के बाद फिल्ड ट्रायल भी किया जायेगा. इसके बाद विभिन्न कंपनियां इस तकनीक का इस्तेमाल कर सकेंगी.

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