नीरज सिंह हत्याकांड : एफआइआर की कॉपी हूबहू पढ़िए
थाना प्रभारी सरायढेला थाना, धनबाद मैं अभिषेक सिंह उम्र 35 वर्ष, पिता स्व. राज नारायण सिंह, पता रघुकुल सरायढेला धनबाद, थाना सरायढेला, जिला धनबाद का निवासी हूं. दिनांक 21.3.17 को अपराह्न 3.30 बजे मेरे बड़े भाई श्री नीरज सिंह उम्र 38 वर्ष अपने साथ अशोक यादव, मुन्ना तिवारी, अादित्य राज और चालक घोलटू महतो के […]
हम लोग स्टील गेट में हैं, आप जल्द आ जायें. उस वक्त मैं कोलाकुसमा स्थित विवाह मंडप के पास था और हीरापुर जा रहा था. फोन आते ही मैं तेज गति से गाड़ी भगाने लगा और गलत दिशा की ओर से आगे की गाड़ी को पास लेने लगा. क्योंकि स्टील गेट के पास जाम था. मैंने देखा कि एक मोटर साइकिल पर जयनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह उम्र लगभग 43 वर्ष (पिता का नाम अज्ञात) अपने पीछे संजीव सिंह उम्र 33 वर्ष, पिता स्व. सूर्यदेव सिंह, पता सिंह मैंशन, सरायढेला धनबाद को बैठा कर रुका और बोला कि तुम्हारे भाई को तो मैंने मार दिया. अब तुम लोगों की बारी है. संजीव सिंह के पास एक बड़ा सा बंदूक था जो आधा किसी कपड़े से ढंका हुआ था.
क्योंकि मेरे भाई पर गोली चली थी तो मैं संजीव सिंह की बातों पर ध्यान नहीं देकर आगे बढ़ गया. गाड़ी के पास पहुंचा तो पता चला कि मेरे भाई को केंद्रीय चिकित्सालय ले जाया जा चुका है. जहां इलाज के बाद मेरे भाई को मृत घोषित कर दिया गया. वहां आदित्य राज से पूछने पर पता चला कि जैसे ही भैया की गाड़ी स्टील गेट के समीप गति अवरोधक पर धीमी हुई. वहां 8-10 की संख्या में लोग हमारी गाड़ी की ओर बढ़ने लगे, जिनके हाथ में पिस्टल और कारबाइन था. जिसमें से झरिया विधायक संजीव सिंह, गया सिंह पिता संहित नारायण सिंह, उम्र 50 वर्ष, पता आदर्श नगर सिमला बहाल, महंत पांडेय, उम्र लगभग 45 वर्ष को मैं पहचानता था और ये लोग संजीव सिंह के कहने पर हमारी गाड़ी पर अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगे.
इस घटना में मेरे भाई के अलावा अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और घोलटू महतो की मौत हो गयी एवं आदित्य राज घायल हो गये. इस घटना में सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह उम्र लगभग 30 वर्ष पिता स्व. सूर्यदेव सिंह पता कुंती निवास स्टील गेट के द्वारा घटना की साजिश रची गयी है ऐसा मेरा दावा है. मेरा दावा है कि संजीव सिंह, जयेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, गया सिंह, महंत पांडेय, सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह के द्वारा साजिश रचते हुए मेरे भाई एवं अन्य की हत्या की गयी जिसमें आदित्य राज गंभीर रूप से जख्मी हो गए. मेरी मन:स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण आवेदन देने में विलंब हुआ.