नीरज सिंह हत्याकांड : शूटर्स बुलाने वाले शख्स को पुलिस ने दबोचा
धनबाद : धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या मामले में पुलिस का सर्च अभियान जारी है. इस बीच पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. हत्या की जांच कर रही एसआईटी चीफ एडीजी अजय कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि शूटरों को धनबाद बुलाने वालों की शिनाख्त हो चुकी है. […]
धनबाद : धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या मामले में पुलिस का सर्च अभियान जारी है. इस बीच पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. हत्या की जांच कर रही एसआईटी चीफ एडीजी अजय कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि शूटरों को धनबाद बुलाने वालों की शिनाख्त हो चुकी है. हालांकि उन्होंने शूटर्स को बुलाने वाले शख्स का नाम मीडिया को नहीं बताया है.
एसआईटी की टीमें बिहार के सीवान, बलिया, यूपी और झारखंड के हजारीबाग में जाकर छापेमारी कर रही है. साथ ही एसआईटी ने चार शूटर्स के स्कैच भी बनवाए हैं. जल्द ही ये स्कैच मीडिया को भी जारी किए जाएंगे. एसआईटी ने बताया कि जल्द ही पूरे मामले की खुलासा कर लिया जाएगा.
पुलिस ताबड़तोड़ कर रही है गिरफ्तारी, बलिया, समस्तीपुर, पलामू में छापा
संजीव सिंह के सहयोगी धनजी उर्फ धनंजय सिंह का भतीजा आशीष निराला को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. धनंजय की पत्नी अर्चना सिंह ने बताया कि शनिवार की रात दो बजे पुलिस ने उनके घर में दबिश दी और उसके पति व भतीजे को उठाकर ले गयी. अर्चना ने बताया कि उनका भतीजा पटना कंकड़बाग में रहता है. उसके पिता राजकुमार सिंह पटना में ही बिजली विभाग में काम करते है. अर्चना ने बताया कि उनके दो भतीजे आशीष निराला और प्रभाकर निराला पटना से घटना वाले दिन यानी मंगलवार की सुबह पहुंचे थे.
छापामारी में पुलिस युवक का किसी प्रकार का प्रमाण पत्र खोज रही थी.प्रभाकर निराला के पास आधार कार्ड था मगर आशीष के पास किसी भी प्रकार का प्रमाण पत्र नहीं था. अर्चना ने बताया कि पुलिस का कहना था कि वह प्रमाण पत्र दिखाकर आशीष को बाद में आकर ले जा सकती है. मगर अर्चना के अनुसार पुलिस के पास जाने के बाद उन्हें आशीष से मिलने भी नहीं दिया गया. पुलिस अधिकारी और एडीजी से मुलाकात करने गयी महिला से किसी ने भी मिलने से साफ इनकार दिया. अर्चना के अनुसार आशीष ने इसी वर्ष दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामानंद कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है. उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. वह तो यहां घूमने आया था. पति को हिरासत में लिये जाने की बात समझ में आती है, लेकिन उस बच्चे का क्या कसूर?